वदोदरा, ०२ फरवरी (एजैंसीज़) ख़वातीन जब 65 साल की पुख़्ता उम्र को पहुंच जाती हैं तो उन्हें अपने नवासा , नवासी और पोता , पोती के साथ खेलने और वक़्त गुज़ारने की ख़ाहिश होती है लेकिन वदोदरा की राजू बेन एक एसी ख़ातून हैं जिन्हें यौम जमहूरीया को 40 साल के तवील अर्सा के बाद पहली बार माँ बनने का शरफ़ हासिल हुआ।
राजू बीन और उन के 68 साला सबकदोश पुलिस कांस्टेबल शौहर हवा सिंह को 40 साल तवील इंतिज़ार करना पड़ा। इस दौरान राजू बैन के चार हमल साक़ित हो चुके थे लेकिन लेकिन माँ बनने की ख़ाहिश में कमी नहीं आई। इस सिलसिला में उन्हें कई ऑपरेशनों से भी गुज़रना पड़ा ।
बच्चादानी पर मौजूद फुंसीयों और तप-ए-दिक़ की बीमारी की वजह से राजू बेन हामिला होने से क़ासिर थीं लेकिन बहरहाल भगवान ने उन की सुन् ली और वो माँ बन गई।