सेहत महकमा ने उन 65 हजार ख़वातीन को अदायगी करने का फैसला लिया है, जिन्हें हमल सेक्यूरिटी मंसूबा का फाइदा नहीं मिल सका है। इन ख़वातीन का तकरीबन नौ करोड़ रुपये का बकाया है। इस सिलसिले में नौ फरवरी को एक खबर शाए हुयी थी।
खातून हमल सेक्युर्टी मंसूबा के इंचार्ज डॉ एके चौधरी के मुताबिक 12 फरवरी को तमाम सिविल सजर्नों को खत भेजी जायेगी। इसका मसौदा तैयार कर लिया गया है।
डॉ चौधरी के मुताबिक दस्तूरुल अमल लचीला बना कर तमाम फाइदा लेने वाले खातून के खाते में या अकाउंट पेयी चेक के जरिये चालू माली साल के अंदर अदायगी कर देने को कहा गया है। गौरतलब है कि अदारा और महफूज तरसिल को बढ़ावा देने के लिए हुकूमत बच्चे पैदा होने के हमल औरतों की सेक्युर्टी मंसूबा चलाती है। इसके तहत देही इलाकों की हमल औरतों को सेहत सेंटर में अदारा तरसिल के लिए 1400 रुपये और शहरी इलाक़े की हमल औरतों को एक हजार रुपये दिये जाते हैं।
बच्चे की पैदाइश के बाद मुतल्लिक़ अस्पताल में ही यह रकम चेक के ज़रिए दी जाती थी, लेकिन सात जिलों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर या डीबीटी स्कीम से जोड़े जाने के बाद मसला शुरू हुई। डीबीटी जिलों में इक़्तेसादी मदद से महरूम ख़वातीन में से ज्यादातर के पास बैंक एकाउंट और आधार नंबर नहीं है। इससे अदायगी सीधे उनके अकाउंट में नहीं किया जा सका है।