रांची/खूंटी : 66 गांव के लोगों ने जिद ठानी है कि वे अपने गांव में नक्सलियों को नहीं घुसने देंगे। उनकी बंदूकों से नहीं डरेंगे, चाहे वे गोली ही क्योें न मार दें। खूंटी वही जिला है, जिसे लोकसभा इलेक्शन के दौरान मुल्क़ का सबसे ज़्यादा नक्सल मुतासिर जिला का एलान किया गया था। अब गाँव वालों की इस जिद ने जहां पुलिस को सुकून पहुंचाया है, वहीं नक्सलियों में हलचल पैदा कर दी है। इन गांवों के करीब चार हजार गाओं वाले जुमेरात को मुरहू ब्लॉक के लुपुंगडीह गांव के मैदान में जुटे। बैठक की। एक ग्रुप की तशकील किया, जिसे शांति सभा का नाम दिया गया। बैठक में ही शांति सभा के मेम्बरों ने ऐलान कर दिया कि अब यहां नक्सलियों की हुकूमत नहीं चलने दी जाएगी। करीब पांच घंटे तक चली बैठक में गांव के बच्चे-बूढ़े और खातुन की भी अच्छी तादाद थी।
बैठक में गाँव वालों ने कहा कि नक्सलियों से वे परेशान हैं। छोटी-छोटी तरक़्क़ी मंसूबों में भी नक्सली लेवी वसूलते हैं। इससे जहां तरक़्क़ी के काम में रुकावट पैदा होता है, वहीं गांव के भोले-भाले लोग डर से नक़ल मकानी भी कर रहे हैं। गांव में जीना दुश्वार होता जा रहा है। अब ऐसा नहीं चलेगा। गाँव वालों ने नक्सलियों की तरफ से ली जा रही लेवी बंद कराने का भी अहद लिया।
शांति सभा के आसपास पुलिस का सख्त पहरा था। गाँव वाले जहां बैठक कर रहे थे, उसे चारो तरफ से पुलिस ने घेर रखा था। बैठक दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे तक चली। इस दौरान मुसलसल पुलिस गांव में ही डटी रही।
इन गांवों के लोग थे शामिल : मारंगहादा, लुपुंगडीह, डिगरी, सांगा, सापारुम, रोंगो, जीवरी, कुदा, लादुप, आयुबहातू, बुटूहातू, देव, सिलादोन वगैरह.