683 को सज़ाए मौत

मिस्र की एक अदालत ने इख़्वानुल मुस्लमीन के 37 कारकुनों की सज़ाए मौत की तसदीक़ करते हुए तंज़ीम के मुर्शिद आम मुहम्मद बदी समेत 683 अफ़राद को सज़ाए मौत सुनाई है। याद रहे जिन 37 अफ़राद की सज़ाए मौत की तसदीक़ की गई है ये उन 529 अफ़राद में शामिल थे जिन्हें अदालत ने सज़ाए मौत देने की सिफ़ारिश की थी और उन का मुक़द्दमा सज़ाए मौत की हतमी तौसीक़ के लिए मुफ़्ती मिस्र को भिजवाया गया था।

जज सईद सबरी यूसुफ़ पर मुश्तमिल अदालत ने मार्च में 529 अफ़राद को मौत की सज़ा सुनाई थी जिस में से 492 अफ़राद की सज़ा को वापिस ले लिया गया था और इन में से बेशतर को उम्र क़ैद में तबदील कर दिया गया था। वाज़ेह रहे कि गुज़िश्ता पाँच सौ से ज़्यादा मौत की सज़ाओं में से 37 लोगों को छोड़कर बाक़ी तमाम अफ़राद की सज़ाओं में तख़फ़ीफ़ कर दी गई थी।

ये सज़ाएं माज़ूल सदर मुर्सी के बाद मुल्क में बोहरानी सूरते हाल पैदा होने और कशीदगी के नतीजे में बड़ी तादाद में हलाकतों के मुक़द्दमे में सुनाई गई हैं। अल अरबिया के नामा निगार ने अपने मरासले में कहा है कि अदालत के बाहर बहुत सी ख़्वातीन जमा थीं जिन में से बाअज़ फ़ैसला सुनने के बाद बेहोश हो गईं।

मुहम्मद बदी के इलावा माज़ूल सदर मुहम्मद मुर्सी के हामीयों पर गुज़िश्ता साल एक पुलिस थाने पर हमले का इल्ज़ाम है। ताज़ा फ़ैसले इस्लाम पसंदों के ख़िलाफ़ फ़ौज की हिमायत वाली मिस्री हुकूमत के जारी हिमायत के दरमयान आए हैं। मिस्री दारुल हुकूमत क़ाहिरा के बालाई इलाक़े मुनिया एक जज ने तक़रीबन सात सौ अफ़राद के लिए मौत की सज़ा सुनाई है जिस पर नज़रे सानी के लिए मिस्र के मुफ़्ती-ए-आज़म के पास भेज दिया गया है। इत्तिलाआत के मुताबिक़ इस बाबत जून के अख़ीर में हतमी फ़ैसला आएगा।

इस से क़ब्ल हफ़्ते को मिस्र की इसी अदालत ने माज़ूल सदर मुहम्मद मुर्सी के 11 हामीयों को फ़सादाद बरपा करने और इन में हिस्सा लेने के लिए क़ैद की सज़ा सुनाई। ये सज़ाएं पाँच से 88 साल तक की मुद्दत पर मुहीत हैं।