लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद नए—नए घोषणाएं और सरकारी अधिकारियों और सरकारी डाक्टरों के फरमान जारी किए गए, इन फरमानों में दफ्तर समय से आने जाने का भी निर्देश भी दिया गया था, लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों की गैरहाज़िर होना सीएम योगी के भय को बेअर करता दिख रहा है। एक ऐसा ही मामला डालीबाग स्थित खादी ग्रामोद्योग के दफ्तर में देखने को मिला। यहां का नज़ारा बस यूं था कि दीवारों पर पान की पीक, कुर्सियों के नीचे कचरा और आलमारियों के ऊपर रखी फाइलों पर जमी धूल। खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के दफ्तर का जब विभागीय मंत्री सत्यदेव पचौरी बुधवार सुबह नौ बजकर 40 मिनट पर यहां पहुंचे। ऑफिस की स्थिति देख उनका गुस्सा सातवें आसमान पर था। मंत्री ने निर्देश दिया कि गेट पर ताला बंद कर दिया जाए और किसी को भी अंदर ना आने दिया जाए। साथ ही सभी अनुपस्थित कर्मचारियों और अधिकारियों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए और चेतावनी दी कि अगली बार इससे सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद अंदर पहुंचे और एक-एक कमरे का जायजा लेना शुरू किया। पचौरी ने अलमारियों के ऊपर रखी फाइलों को उतरवाया और उस पर जमी धूल को अंगुली से हटाया और मुख्य कार्यपालक अधिकारी अखिलेश मिश्रा की ओर मुखातिब होकर कहा यह है आपके यहां सफाई व्यवस्था? मंत्री ने करीब डेढ़ घंटे के निरीक्षण के दौरान बोर्ड के हर कमरे को चेक किया। सफाई व्यवस्था ठीक ना होने से अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। मंत्री एक कमरे में पहुंचे जहां फाइलों को अंबार लगा हुआ था। पूछा यह ऑफिस है या कबाड़खाना? क्या यहां इसी माहौल में काम होता है। उन्होंने पूछा कि यह सब फाइलें अगर पुरानी हैं तो इन्हें रिकार्ड रूम में क्यों नहीं रखा जा रहा है? जवाब मिला नया ऑफिस दिसंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा। अभी यह ऑफिस छोटा है और जगह कम है इस लिए यहां सारी फाइलें रखी गई हैं। योगी अभी हाल में यूपी के सीएम बने हैं लेकिन उनकी लाख चेतावनी के बाद भी सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगती।