78 साल के रिटायर्ड फौजी कतार में अपनी जगह खोने पर रो पड़े, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है तस्वीर

रिटायर्ड फौजी नन्दलाल जिनकी उम्र 78 है वो स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की गुडगाँव की शाखा के बाहर रो पड़े। लाल बैंक के सामने लगी कतार में अपनी जगह खो चुके थे और यह नुक्सान उनके लिए काफी बड़ा था। हिंदुस्तान टाइम्स में छपा उसका फोटोग्राफ सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और जनता की मुश्किलों का एक प्रतीक बन गया।
नन्दलाल भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर पर तैनात रहते थे। लाल बैंक में पैसे निकालने आये थे लगातार तीन दिन कतार में लगने के बाद जब इनको पैसे नहीं मिले तो वो हाथ जोड़ कर विनती करने लगे की पहले उन्हें जाने दिया जाये कयुनकी उनको पैसे की बहुत जरूरत है।
लाल का कहना है कि हमको अपना पैसा क्यों नहीं दे रहे हैं पहले से तैयारी कयूं नहीं की थी। लाल को अपने खर्चो के लिए पैसे की ज़रुरत है।

दिसम्बर के पहले सप्ताह में मेरी 8000 रूपये की पेंशन आयी थी, और मुझे अपनी काम वाली, पंसार और दूध वाले को पैसे चुकता करना है।
खाने का खर्चा और बिजली के खर्चे के अलावा लाल को 3,000 रूपये उसके कमरे का किराया भी देना होता है।आखिरकार लाल बैंक से 10,000 रूपये निकालने में सफल रहे।
लगभग एक दशक पहले रिटायर्ड फौजी नन्दलाल अपनी गोद ली हुई बेटी के साथ अपने घर में रहते थे। उसकी शादी होने के बाद लाल किराये के कमरे में रहने लगे।लाल के पड़ोसी उनको फौजी के रूप में जानते है जो विभाजन के समय पाकिस्तान से गुडगाँव में रहने लगे थे।
दीनानाथ आहूजा जो की रिटायर्ड मैकेनिक है और लाल के पडोसी है उनका कहना है लाल की बेटी उनको हर महीने 7-8,000 महीने भेजती है बाकी उसको कभी लाल से मिलने आते नहीं देखा।
आहूजा ने आगे बताया कि लाल ने बैंक तक आने के लिए 100 रूपये उधार लिए थे रिक्शे वाले को देने के लिए उसी से तीन दिन लगातार वो बैंक आ पाए। लेकिन आख़िरकार बैंक अधिकारी ने लाल को स्तिथी को समझा।