लोकसभा इंतेखाबात के आठवें मरहले में भी पहले की ही तरह दिल्ली की दौड़ के लिए सियासी पार्टियों का दागियों पर से भरोसा कम नहीं हुआ है। इसकी तस्दीक करता है 64 सीटों में ज़्यादातर उतरे उम्मीदर मुजरिमाना शबिया के हैं । इस दौर के कुल 897 उम्मीदवारों में से 177 दागी उम्मीदवार हैं।
सियासत में दाग़ अच्छे होते हैं, कम से कम जो आंकड़ें इस इलेक्शन में देखने को मिल रहे हैं उससे तो यही लगता है कि पार्टियों को दाग़ियों पर काफ़ी भरोसा है। आठवें मरहले के लिए मैदान में खड़े कुल 897 उम्मीदवारों में से जब कुल 890 उम्मीदवारों के दस्तावेज़ दुरुस्त पाये गये और एडीआर ने इनके दस्तावेज़ों को खंगाला तो पाया कि इन 897 उम्मीदवारों में 177 दागी उम्मीदवार हैं, जो कुल उम्मीदवारों का 20 फीसदी है। वहीं 14 फीसदी उम्मीदवारों पर कत्ल, हत्या की साजिश , रेप जैसे संगीन इल्ज़ाम हैं।
आठवें मरहले के लिए सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवार आंध्र प्रदेश में हैं। जहां 333 उम्मीदवारों में 57 दाग़ी हैं। इसके बाद नंबर आता है उत्तर प्रदेश का, यहां 243 में 52 दाग़ी हैं। इसके इलावा बिहार में 118 में 37, मगरिबी बंगाल में 72 में 15 दाग़ी, हिमाचल प्रदेश में 38 में 9, जबकि उत्तराखंड के 74 उम्मीदवारों में 7 उम्मीदवार दाग़ी हैं।
पार्टियों के लिहाज़ से देखा जाए तो इस मरहले के लिए संगीन इल्ज़ाम वाले सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवारों पर दांव लगाया है बीएसपी ने, जिनके 60 में से 16 उम्मीदवारों पर संगीन इल्ज़ाम हैं, जो 27 फीसदी है। वहीं बीजेपी के 40 उम्मीदवारों में 11 और कांग्रेस के 58 उम्मीदवारों में 10 संगीन दाग़ लिये इंतेखाबी मैदान में खड़े हैं। उधर साइकिल की सवारी कर रहे 24 उम्मीदवारोंमें से 8 पर संगीन इल्ज़ाम हैं और आम आदमी पार्टी के 43 में 6 उम्मीदवार ज़ुर्म के गहरे दागों के साथ इंतेखाबी मैदान में हैं, जबकि 292 निर्दलीय उम्मीदवारों में 15 संगीन इल्ज़ाम लिये हुए हैं।
आठवें मरहले में जिन उम्मीदवारों पर सबसे ज्यादा संगीन इल्ज़ाम हैं, उनमें सबसे ऊपर नाम आता है एसपी के श्रावस्ती यूपी से उम्मीदवार अतीक़ अहमद का, जिन पर कुल 56 संगीन दफआत में मामले हैं जिनमें 6 मामले कत्ल के और 6 मामले कत्ल की कोशिश के हैं। संगीन इल्ज़ामात के मामले में दूसरे नंबर पर आते हैं बीएसपी के सुल्तानपुर यूपी से उम्मीदवार पवन पांडेय। इन पर 44 संगीन दफआत में मामले हैं जिनमें 4 मामले कत्ल के और 7 मामले कत्ल की कोशिश के हैं। तीसरे नंबर पर इस मामले में आते हैं फ़ैज़ाबाद यूपी से एसपी उम्मीदवार मित्रसेन यादव का। इन पर 33 संगीन दफआत में मामले हैं जिसमें 1 मामला कत्ल का और 6 मामले कत्ल करने की कोशिश के हैं।
ये आंकड़ें हक़ीक़त और दावों के बीच के फासले को ज़ाहिर करते हैं, अब जनता को तय करना है कि उसे किस तरह की शबिया का नुमाइंदा चाहिए।