नागपुर: मुक़ामी अदालत ने दो नौजवानों को एक आठ साला लड़के के अग़वा और बेदर्दी से क़तल पर सज़ा-ए-मौत सुनाई। ये वाक़िया 2014 में पेश आया था। प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट ऐंड सेशन जज किशवर सौंवा ने 21साला धन लाल द्वारे और इस के दोस्त 25 साला अरविंद अभीलाश सिंह को योग चुन्दक की हलाकत पर ये सज़ा सुनाई।
जज ने कहा कि महेज़ दौलतमंद बनने के ख़ाब को पूरा करने इन दोनों ने इस जुर्म का इर्तिकाब किया। अहाता अदालत आज अवाम से खचा-खच भरा हुआ था और दोनों मुजरिमीन के अलावा महलूक लड़के के वालिद भी इस मौक़े पर मौजूद थे। जज सोनूवा ने कहा कि अगरचे मुल्ज़िमीन नौजवान हैं लेकिन उनके साथ किसी तरह का रहम का बरताव नहीं किया जा सकता।
उन्हें सितंबर 2014 में सेकेंड क्लास के तालिबे-इल्म को बहीमाना हलाक करने का मुजरिम क़रार दिया गया। जज ने कहा कि बच्चों के अग़वा और क़तल के मामलात से निमटने के सिलसिले में हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट की रहनुमा या ना हिदायात को हमने पेश-ए-नज़र रखा है और उन मुजरिमीन के जुर्म के इर्तिकाब के सबूत के तौर पर जो शवाहिद पेश किए गए हैं उन पर हम मुतमइन हैं।
इस के बाद जज ने इन दोनों को फांसी पर लटकाने का हुक्म दिया। जज ने इन दो नौजवानों को साज़िश के लिए सज़ाए क़ैद और 10 हज़ार रुपये जुर्माना के अलावा शवाहिद मिटाने के लिए सात साल क़ैद और 5 हज़ार रुपये जुर्माना की सज़ाॱएॱ भी सुनाई। जज ने कहा कि इन दो नौजवानों ने योग चुन्दक का इस लिए अग़वा किया क्योंकि वो भारी तावान की रक़म का मुतालिबे करते हुए दौलतमंद बनना चाहते थे|