8 कांग्रेस अरकान की मोअत्तली का मसला तेलंगाना से ताल्लुक नही

इलाक़ा तेलंगाना से ताल्लुक़ रखने वाले 8 अरकान-ए-पार्लीमेंट की मुअत्तली ग़ैर मुतवक़्क़े हो सकती है, लेकिन इस का अलहैदा रियासत से कोई ताल्लुक़ नहीं। कांग्रेस और हुकूमत ने आज ये दलील पेश करते हुए कहा कि लोक सभा की कार्रवाई में बार बार रुकावटें खड़ी करने की पादाश में उन्हें 4 दिन के लिए मुअत्तल किया गया है।

वज़ीर-ए-पार्लीमानी उमूर पवन कुमार बंसल ने अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहा कि अलहदा रियासत तेलंगाना मसला से मुअत्तली का कोई ताल्लुक़ नहीं है। उन्हें सिर्फ 4 दिन के लिए मुअत्तल किया गया है। इस के साथ साथ उन्होंने इस इक़दाम के ज़रीया पसेपर्दा दूसरों को पयाम भेजने की कोशिश का इल्ज़ाम भी मुस्तर्द कर दिया।

उन्होंने कहा कि हुकूमत ऐवान की कार्रवाई मोअस्सर अंदाज़ में चलाने की ख़ाहां हैं। उन्होंने इस दलील से भी इत्तेफ़ाक़ नहीं किया कि हुकूमत और कांग्रेस दोनों मसला तेलंगाना पर ग़ैरसंजीदा हैं। पार्टी तर्जुमान मनीष तीवारी ने कहा कि ना सिर्फ कांग्रेस बल्कि हुकूमत दोनों इस मसला की संगीनी से बख़ूबी वाक़िफ़ हैं और उसे हल करने के लिए अपनी कोशिश भी जारी रखे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि तेलंगाना हस्सास मसला है और किसी रियासत की नई सरहद क़ायम करने इस क़दर आसान नहीं होता। अलहैदा तेलंगाना के मसला पर मुतज़ाद दावे किए जा रहे हैं। चुनांचे इस मसला को मुसालहती अंदाज़ में हल करना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि जब आप किसी तंज़ीम के साथ काम करते हैं, तब किसी मसला को उठाने का भी तरीका-ए-कार होता है।

हमें ऐवान में मामूल की कार्रवाई यक़ीनी बनानी होगी क्योंकि ऐवान में दीगर कई अहम मसाएल भी पेश किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इलाक़ा तेलंगाना के क़ाइदीन के साथ काफ़ी सब्र-ओ-तहम्मुल का मुज़ाहरा किया, लेकिन एक मरहला पर पार्टी की पारलीमानी यूनिट को ये एहसास हुआ कि कार्रवाई ज़रूरी है।