80 स्कूलों में मिड डे मिल बंद, तरक्की का अहद, खोला खजाना

पटना : फायनेंस वजीर अब्दुल बारी सिद्दीकी ने जुमा को बिहार विधानमंडल में माली साल 2016-17 का बजट पेश किया। अज़ीम इत्तिहाद हुकूमत के पहले बजट में जहां कई नयी मंसूबों को शुरू करने के लिए खजाना खोला गया है, तो कई पुरानी मंसूबों को अमलीजामा पहनाने के लिए रक़म का इंतेज़ाम किया गया है। सिद्दीकी ने कुल एक लाख 44 हजार 696 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है, जो 2015-16 के बजट से 24 हजार 10 करोड़ रुपये ज्यादा है। इसमें किसी नये टैक्स की तजवीज नहीं है। वहीं, शराबबंदी से होनेवाले नुकसान की भरपाई के लिए कॉमर्सियल टैक्स के टारगेट को बढ़ाया गया है। साथ ही टैक्स चोरी रोकने के उपायों को सख्ती से लागू करने की बात कही गयी है।
बजट में 72 हजार 276 करोड़ गैर मंसूबा और 71 हजार 501 करोड़ रुपये मंसूबा मद में खर्च करने की तजवीज किया गया है। इस तरह मंसूबा मद में बजट की तकरीबन आधी रक़म खर्च होगी, जो पिछली बार से करीब 14 हजार करोड़ ज्यादा है। माली साल 2015-16 की तरह अगले माली साल के लिए भी 14 हजार 649 करोड़ के राजस्व सरप्लस का बजट पेश किया गया है। बजट में पूंजीगत खर्च के तहत 30 हजार 107 करोड़ की तजवीज किया गया है। वहीं, राजस्व खर्च का अनुमान 1 लाख 99 हजार करोड़ रुपये का रखा गया है।

एक अप्रैल से शुरू होनेवाले माली साल में सीएम नीतीश कुमार के सात अहदों को आकार देने के लिए पांच हजार 400 करोड़ की तजवीज बजट में किया गया है। इससे कई नयी मनसूबे मुख्तलिफ महकमा में चलायी जायेंगी। हालांकि, सात अहदों को पूरी तरह से जमीन पर उतारने के लिए पांच सालों की मंसूबा बनायी गयी है, लेकिन इसकी शुरुआत इसी बजट से हो गयी है।