बुलंदशहर हिंसा पर 83 पूर्व नौकरशाहों ने खत लिखकर सीएम योगी का मांगा इस्तीफा, मचा हड़कंप !

लखनऊ. बुलंदशहर में गोकशी के शक में भड़की हिंसा को लेकर राज्य के पूर्व नौकरशाहों ने योगी सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया है। करीब 83 रिटायर्ड नौकरशाहों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा है। खुले खत में रिटायर्ड अफसरों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया। वह सिर्फ गोकशी केस पर ध्यान दे रहे हैं।

  1. पूर्व नौकरशाहों का ये खत तब सामने आया है, जब बुलंदशहर हिंसा की जांच एसआईटी ने पूरी कर ली है। जांच में खुलासा हुआ है कि, हिंसा से पहले गोकशी हुई थी। इस आरोप में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगने वालों में पूर्व अफसर बृजेश कुमार, अदिति मेहता, सुनील मित्रा जैसे बड़े अफसर शामिल हैं। अफसरों ने आरोप लगाया कि बुलंदशहर हिंसा को राजनीतिक रंग दिया गया है।
  2. खत सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल हो रहा है, इसमें दावा किया गया है कि 83 अफसर इनके साथ हैं। अधिकारियों का कहना है कि, उन्होंने इससे पहले भी कई मसलों पर खुला खत लिखा है। बुलंदशहर हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि एक पुलिस वाले की भीड़ द्वारा हत्या किया जाना बहुत दर्दनाक है, इससे राज्य की कानून व्यवस्था पर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए और हिंसा से जुड़े पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।
  3. 3 दिसंबर, 2018 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी की खबर के बाद हिंसा फैल गई थी। इस दौरान भीड़ ने बुलंदशहर की स्याना पुलिस चौकी पर हमला किया था, इसीमें पुलिसकर्मी सुबोध कुमार सिंह की मौत हो गई थी। इस हिंसा में एक अन्य युवा की भी मौत हुई थी।
  4. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, बुलंदशहर की घटना एक साजिश है। साजिश का पर्दाफाश हो चुका है। यह साजिश वही लोग कर रहे हैं, जिन लोगों ने प्रदेश में जहरीली शराब बनाकर लोगों को मारने का काम किया था। षडयंत्र कायर करते हैं। आमने सामने चुनौती नहीं करते हैं। निर्दोश नागरिकों को अपनी साजिश का शिकार बनाना चाहते हैं। लेकिन इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। कानून का राज होगा। जो लोग दंगा कराना चाहते थे, उनके मंसूबे ध्वस्त हुए हैं।  सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है।