गुजरात दंगे में औरतों पर जु़ल्म ढाने वाले महिला अधिकार की बात ना करें

अब्दुल हमीद अंसारी, कोलकाता। अॉल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कामयाब अधिवेशन के बाद कोलकाता की सबसे बड़ी मस्जिद के हेड इमाम क़ारी मोहम्मद शफी़क साहब से सियासत हिंदी ने एक्सक्लूसिव बातचीत की।
सियासत हिंदी से बातचीत में क़ारी शफी़क साहब ने ये साफ़ किया कि उनकी यह बातचीत मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के तरफ से नहीं दे रहे हैं, उन्होंने कहा कि हम एक हेड ईमाम की हैसियत से बातचीत कर रहे हैं। मगर अपनी राय जरुर जाहिर करुंगा। मालूम हो कि क़ारी शफी़क साहब 2006 से अॉल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इंवाइटी मेंबर हैं।

मेरे साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कामयाब प्रोग्राम के पिछे यहां के उलेमाओं की कड़ी मेहनत है। मगर यह भी कहा कि अभी काफ़ी मेहनत करने की जरूरत है। मेरे एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पर्सनल लॉ बोर्ड को पश्चिम बंगाल में और काम करने की जरूरत है, जिसके लिए बोर्ड के जिम्मेदार लोग इस रणनीति पर काम कर रहे हैं। क़ारी शफी़क साहब ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि देश में रह रहे मुस्लिम समुदाय अपने हक़ की आवाज को बुलंद करने के लिए आगे आए। हिन्दुस्तान के संविधान में मिले धार्मिक हक़ को बचाने के लिए आवाज उठाने का काम करें।
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इस कामयाब प्रोग्राम पर मीडीया कवरेज के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चंद उर्दू मीडिया और सियासत हिंदी को छोड़कर बाकी मीडिया का रुख सही नहीं रहा। इस वक्त मीडिया मुसलमानों की हक़ की आवाज को दबा देना चाहती है। बल्कि यूं कह लिजिए की इस कामयाब प्रोग्राम को मीडिया ने बायकॉट किया है।
उन्होंने जबर्दस्त तल्ख लहजे में कहा कि अगर एक मुसलमान के बच्चें से एक छोटी नादानी को यही मीडिया बढ़ा चढ़ा कर पेश करती है। समाज के सभी मुसलमानों को गलत साबित करने की कोशिश करती है।

तीन तलाक़ पर उठ रहे सवालों को लेकर एक सवाल के जवाब में का़री शफी़क साहब ने बताया कि दुनिया में औरतों को हक़ सबसे पहले और सिर्फ़ इसलाम ने ही दिया है। उन्होंने दावे के साथ कहा कि दुनिया के किसी भी दुसरे मज़हब में औरतों को इज्जत और सम्मान इतना नहीं दिया गया है जितना कि इसलाम में है। तलाक़ के बारे में उन्होंने कहा कि यही एक जायज चीज है जिसको अल्लाह नापसंद करते हैं।

यह आखिरी तरीका है जिसे इसलाम इस्तेमाल करने की इजाजत देती है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर समाज में लोगों के अंदर गलत सोच फैलाई जा रही है जो एक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने ने कहा कि गुजरात दंगों में महिलाओं पर बेहद बुरी तरह से जुल्म ढाने वाले औरतों की हक़ की बात ना करें।

उन्होंने बेदर्दी से ढाए गए जुल्मों का जिक्र करते हुए कहा कि आठ माह की किसी औरत के पेट से चीड़ कर बच्चे को तलवार की नोक पर घुमाने वाले लोग औरतों को लेकर दिखावा ना करें। उन्होंने साफ़ किया कि यह जुल्म होने के पिछे सभी समाज में रह रहे लोगों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। यह चंद लोगों की देन है जिसको सभी समाज और धर्मों के लोगों को भुगतना पड़ा।

मेरे एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से गुजारिश करुंगा की नौजवानों को बोर्ड से जोड़ा जाए और जिम्मेदारी भी दी जाए। मौजूदा वक्त की जरूरत है कि समाज के सभी धर्मों और वर्गों तक शरीयत की बात बताई जाए।
उनके अंदर बेदांरी लाई जाए ताकि हमारे खिलाफ चलाए जा रहे गलत प्रोपागेंडा को नाकाम किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह देश सेक्युलर है, यहां सभी लोगों को अपने धार्मिक आजादी के साथ जीने का हक़ है। उन्होंने कहा कि किसी की धार्मिक आजादी पर प्रतिबंध लगाना संविधान के खिलाफ़ है।

मौजूदा केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह मोदी सरकार हिटलर शाही की तरह सोच रखती है जिस सोच को बदलने की जरूरत है।

पश्चिम बंगाल सरकार के रुख के एक सवाल के जवाब में नाखुदा मस्जिद के हेड ईमाम साहब ने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार ने बहुत साथ दिया। और इस बेहतरीन प्रोग्राम को कामयाबी तक पहुंचाने मदद की।