92 साल बाद साकार हुआ संघ का सपना, तीनों सर्वोच्च पद पर स्वयंसेवक

वेंकैया नायडू की जीत के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई है. आजादी के बाद ये पहला मौका है जब देश के तीनों सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर आरएसएस के स्वयंसेवक काबिज हैं. उपराष्ट्रपति के पद पर वेंकैया नायडू की जीत ने संघ के सपने को साकार कर दिया है.

चुनाव के बाद एनडीए के उम्मीदवार वेंकैया नायडू ने 516 वोट के साथ जीत हासिल की. उनकी जीत के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नाम भी एक बड़ी जीत दर्ज हो गई है. 92 साल पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई थी. संघ खुद को राष्ट्रवादी संगठन बताता है। संघ का सपना इतने लंबे सफर के बाद पूरा हुआ है.

अगर इनके निजी जीवन पर नज़र डालें तो काफी संघर्ष पूर्ण रहा। ये तीनों ही नेता काफी सामान्य पारिवारिक पृष्ठभूमि से आए हैं. इनकी तीनों की जिंदगी काफी मुफलिसी में गुजरी है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जीत के बाद कहा था कि उनका बचपन फूस के घर में बीता. इसी तरह पीएम मोदी कहते रहे हैं कि बचपन में वे चाय की दुकान पर चाय बेचते थे. तो वहीं नायडू के पिता किसान थे और काफी साधारण माहौल में उनकी परवरिश हुई.