अब्दुल करीम टुंडा को उम्रकैद, एक लाख जुर्माना

स्थानीय अदालत ने सिलसिलेवार बम विस्फोट के मामले में दोषी आतंकी 75 वर्षीय अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को आज उम्रकैद और एक लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई । जुर्माना नहीं देने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने फैसला सुनाते हुए हत्या के प्रयास, षड्यंत्र और विस्फोटक में उम्रकैद और एक लाख रूपये जुर्माने की सुनाई है। दो अलग-अलग धाराओं में उसे 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा दी गई है।

टुंडा के वकील आशीष वत्स ने बताया कि सजा के खिलाफ टुंडा की ओर से उच्च न्यायालय में अपील की जाएगी।

गौरतलब है कि 28 दिसंबर 1996 में सोनीपत में तराना सिनेमा के बाहर और गीता भवन चौक स्थित गुलशन मिष्ठान भंडार के पास 10 मिनट के अंतराल पर दो बम विस्फोट हुए थे। इसमें करीब एक दर्जन लोग घायल हुए थे। मामले में अब्दुल करीम टुंडा के अलावा दो अन्य को भी आरोपी बनाया गया था। दिल्ली पुलिस ने अगस्त 2013 में टुंडा को नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया था।

अदालत ने सोमवार को टुंडा को दोषी करार दिया था। टुंडा को आज सजा सुनाने के लिए अदालत में पेश किया गया। करीब 15 मिनट के बाद ही अदालत ने उसे उम्रकैद के अलावा दोनों धाराओं के तहत सजा सुनाई। सजा सुनाने के करीब एक घंटे बाद पुलिस टुंडा को अदालत से ले गयी। टुंडा को गाजियाबाद ले जाया गया।

सजा सुनाने के बाद आतंकी टुंडा ने न्यायाधीश से उसे गाजियाबाद के डासना जेल भेजने का अनुरोध किया। उसने कहा कि गाजियाबाद में उस पर कई अन्य मामले चल रहे हैं। साथ ही उसकी तबीयत ठीक नहीं रहती है और उसका इलाज भी गाजियाबाद में ही चल रहा है। अदालत ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए उसे गाजियाबाद के डासना जेल भेजने के निर्देश दिए।