बंद करो देशभक्ति के नाम पर फ्रॉड, शहादत सैनिक देता है लेकिन भुगतता उसका परिवार है: अभिसार शर्मा

देशभक्ति के नाम पर फ्रॉड करना बंद करें। शहादत सैनिक देता है। भुगतता उसका परिवार है। मगर सियासी फायदा सालों से सिर्फ राजनीतिक पार्टियां उठाती आई हैं। नालायक और मंदबुद्दी जनता बहकावे मे आकर आखिरकार सियासी नेताओं का जयकारा लगाती है।

हां! तुम… हम नालायक हैं। हम मूर्ख हैं। जो इन सरकार की नाकामियां नहीं देख पाते हैं। जो राष्ट्रवाद का ठेका चंद राजनीतिक दलों को दे देते हैं। ये नहीं देखते कि पुराने वालों और इनमे कुछ फर्क नहीं।

हां, ये.. पिछले तीन साल वाले मार्केटिंग मे बढ़िया हैं। उसमे इनका कोई सानी नही। मगर सैनिक फिर भी मर रहा है। पहले से ज्यादा और अगर इसपर भी सवाल उठाओगे तो देश द्रोही करार दिए जाओगे। इतना फूहड़ और हल्का है ये राष्ट्रवाद। चंद आलोचनाओं के स्वर नही बर्दाश्त कर पाता। सवाल पूछो। पूछना बंद मत करो।

सिर्फ इसलिए कि सत्ता पर एक स्यंभू देशभक्त सरकार है, इसका अर्थ ये नही कि वो आलोचना के परे है। हां, ये सिर्फ स्यंभू देशभक्त हैं। इन्होने ये सर्टिफिकेट चुनावो मे श्मशान और कब्रीस्तान जैसे मुद्दे भुना कर जीत के बाद हासिल किए हैं। चूंकी हम जीते हैं, लिहाज़ा कुछ भी बक बोल सकते हैं। हम किसी को भी देशद्रोही करार दे सकते हैं।

खैर गुलाम मानसिकता वाले लोगों का कुछ नही हो सकता। खासकर वो जो एक समुदाय से नफरत को राष्ट्रवाद का पैमाना मानते हों।