नई दिल्ली: रविवार यानी 28 जनवरी को वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा ने उत्तर प्रदेश के कासंगज में हुए सांप्रदायिक हिंसा को लेकर एक समाचार चैनल ‘आज तक’ द्वारा फैलाए जा रहे कथित ‘झूठ’ को लेकर नाराजगी व्यक्त की है। अभिसार आजतक के पत्रकारों द्वारा फैलाये जा रहे झूठ का परदाफाश करते हुए कहा कि ‘आज तक’ और उनके पत्रकार कासगंज हिंसा को लेकर कथित तौर पर भ्रामक और झूठी खबर दिखा रहे हैं।
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बता दें कि कासगंज में गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई सांप्रदायिक हिंसा केवल तिरंगा यात्रा के लिए रास्ता न देने के लिए हुई थी, क्योंकि दूसरे पक्ष के लोग भी तिरंगा फहराने के लिए सड़कों पर कुर्सी लगा रहे थे। इस दौरान भड़की हिंसा में एक युवक की मौत हो गई, जबकि कई घायल हैं।
इसी कड़ी को लेकर अभिसार शर्मा ने रविवार को फेसबुक लाइव कर किसी का नाम लिए बिना समाचार चैनल ‘आज तक’ के पत्रकारों पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। उनहोंने आजतक के पत्रकारों पर आरोप लगाया है कि ‘आज तक’ और उनके पत्रकार कासगंज हिंसा को लेकर कथित तौर पर भ्रामक और झूठी खबर दिखा रहे हैं। अभिसार का यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो गया है।
Kudos to you @abhisar_sharma for this. Personally going to lodge a formal complaint in BEA against these communal agents misusing the medium they have liberty of with no sense of responsibility. @aroonpurie @supriyapd @rahulkanwal @sardesairajdeep pic.twitter.com/dM29avoltK
— Dr. Neha Singh (@TheNehaTweets) January 28, 2018
सोशल मीडिया पर अभिसार को भारी समर्थन मिल रहा है। कई वरिष्ठ पत्रकार, सुप्रीम कोर्ट के वकील और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अभिसार के इस वीडियो को शेयर करते हुए कासगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा की हकीकत बताने के लिए सराहना की है। साथ ही नाराज लोगों ने ‘आज तक’ सहित पूरे ‘इंडिया टुडे’ ग्रुप को बहिष्कार करने की अपील की है।
अख़बार के मुताबिक, कासगंज के बद्दू नगर के स्थानीय मुसलमानों ने गणतंत्र दिवस यानि 26 जनवरी के दिन तिरंगा फहराने की तैयारियां की थीं और रास्ते में कुर्सियां बिछाईं गईं थीं। वहीं बाइकों पर निकल रही तिरंगा रैली में शामिल हिंदू युवाओं ने कुर्सियां हटाकर रैली वहीं से निकालने के लिए कहा था। जिसके बाद देखते-देखते यह विवाद सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया।
जबकि पहले मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि जब हिंदू संगठन के लोग 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे कि मुसलमानों ने उन्हें रास्ता नहीं दिया। जिसके बाद हिंदू युवाओं ने वंदे मातरम के नारे लगाए तो मुसलमानों ने जवाब में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। हालांकि ‘आज तक’ सहित तमाम चैनलों का ये दावा बिना सबूत के पेश किया गया।
बता दें कि कासगंज हिंसा की पूरी हकीकत रविवार को एक वीडियो के सामने आने के बाद हुआ। इस वीडियो हिंसा वाली जगह पर करीब 50-60 लोगों का एक ग्रुप हाथ में तिरंगा और भगवा रंग का झंडा लिए चिल्ला रहे थे कि “बाइक तो यहीं से जाएगी।” इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक जहां दंगा हुआ वहां दोनों ही पक्षों के पास तिरंगा था और पूरा फसाद रास्ते को लेकर हुआ।