भारत वाकई एक केला गणराज्य बनने की ओर अग्रसर है। केला गणराज्य? यानी के, ये क्या होता है जी ? दरअसल आज से कई साल पहले बीबीसी के स्टूडियो का एक वाकया याद आ गया। जब मेरे एक पुराने साथी ने BANANA REPUBLIC का तर्जुमा यानि अनुवाद केला गणराज्य कर दिया था। मगर एक पल केलिए सोचिये न। हम केला गणराज्य ही तो हैं। केला।
पद्मावती की इज़्ज़त के नाम पर एक और लड़की की इज़्ज़त को तार तार करने की बात की जा रही है। उसकी नाक काट देने की बात हो रही है। उसका सर कलम करने की बात की जा रही है। मगर ” बहुत हुआ नारी पर वार , अबकी बार मोदी सरकार ” वाली पार्टी चुप है.न सूचना प्रसारण मंत्री कुछ बोल रही हैं।
स्मृति जी खामोश। क्योंकि ये मामला अब करनी सेना तक सिमित नहीं रहा न। अब तो हरयाणा में बीजेपी के एक नवरत्न केला गणराज्य के आधार कार्ड होल्डर श्री श्री सूरज पल अमु ने तो घोषणा कर डाली है के जो शक़्स संजय लीला भंसाली और दीपिका पादुकोण का सर काट कर लाएगा , उसे 10 करोड़ का इनाम दिया जायेगा। यह केला गणराज्य निवासी तो संस्कारी पार्टी से भी हैं न?
तो महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्माजी ,जब शशि थरूर को मिस वर्ल्ड बनी मानुषी छिल्लर पर व्यंग्य के लिए हाज़िर होने केलिए कहा जा रहा है ,तो सूरज पाल अमु , किस नज़रिये से नारी सम्मान कर रहे हैं ? हैंजी?खैर आप क्या बोलेंगी रेखाजी ? जब संस्कारी सरकार की स्मृति , रेखा ,उमा और सुषमा, सब खामोश हैं ,तो आपका सुविधावादी गुस्सा क्या मायने रखता है।

भारत की एक जानी मानी अभिनेत्री के सर कलम करने के इनाम की घोषणा कर दी जाए और सरकार की सशक्त महिला नेता और मंत्री खामोश रहें ,ये तो केला गणराज्य की आदर्श मिसाल है। क्यों? और विडम्बना देखिये ,आज ही आरएसएस प्रमुख का बयान भी आया है के महिलाएं देश की आधी आबादी हैं ,इन्हे सशक्त , मज़बूत किया जाना चाहिए। कितना सशक्त हो रही हैं महिलाएं न ? केला गणराज्य !
उत्तर प्रदेश के उप मुख्य मंत्री केशव प्रसाद मौर्या कहते हैं के जब तक पद्मावती फिल्म से आपत्तिजनक अंश नहीं हट जाते , वो फिल्म को रिलीज़ नहीं होने देंगे। उनकी सरकार पहले ये भी कह चुकी है के ऐसी फ़िल्में समाज में सौहार्द के लिए खतरा हैं। और कानून व्यवस्था केलिए चुनौती। और ये सब ,बगैर फिल्म देखे।
अरे मौर्या जी, अर्नब , रजत शर्मा जी और वेद प्रताप वैदिक देख चुके हैं और इनमे से सभी का कहना है के फिल्म में राजपूतों का पूरा सम्मान हुआ है। उनकी शान में कसीदे पढ़े गए हैं। तो क्या करनी वीरों इस बात पर आपत्ति है ? हैंजी? फिर बोलोगे के मैं भारत को केला गणराज्य क्यों बोल रहा हूँ ?
फिल्म देखी नहीं किसी ने और लगे हैं ब्लड प्रेशर बढ़ाने ,अपना भी और पूरे देश का। और ये मत समझिये के मामला सिर्फ करनी सेना या संस्कारी पार्टी तक सीमित है। कुछ संस्कारी पत्रकार भी हैं,जो अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी निभाते हुए इसे हिन्दू मुस्लिम का भी रंग दे रहे हैं। है न बिलकुल केला गणराज्य वाली बात ?
बीजेपी तो चलो समझ आ गया के गुजरात का चुनाव है, बौखलाई हुई है,जीतना है… किसी भी कीमत पर।मगर पत्रकार ?
महारानी वसुंधरा राजे सिंधिया का मश्वरा तो और भी कमाल का है। कहती हैं के इतिहासकारों ,जानकारों, राजपूतों की एक समिति बनायीं जाए और ये फिल्म उन्हें दिखाई जाए ,फिर वो फैसला करेंगे के फिल्म ,कितनी और कहाँ से कटनी है। गजब है भैय्या।
अगली बार से कोई फिल्म जिसमे मुसलमान पात्र हो, उसे भी मदरसे के , मस्जिदों के मौलवियों के सामने रखा जाए। के भाई इसे जनता को दिखाया जा सकता है के नहीं ? कल्पना कीजिये , मुल्लाओं ,मौलवियों का एक गुट , “अल्लाह बचाये मेरी जान , रज़िया गुंडों में फँस गयी ” गाने की स्क्रीनिंग देख रहे हैं. इसमें तो अल्लाह भी है और रज़िया भी। तो देखना चाहिए ना उन्हें भी? हे भगवान् ! मैंने ये क्या कर दिया। पता चला के मेरा ये लेख पढ़ने के बाद कुछ लोग इस गाने खिलाफ आवाज़ बुलंद करने पहुँच गए ? कहा था न , केला गणराज्य !
और सबसे बड़ी बात। माननीय मोदीजी अब भी खामोश हैं। अरे सिरजी , संजय लीला भंसाली या दीपिका पादुकोण की इज़्ज़त केलिए न सही ,इस फिल्म के पीछे जो प्रोडक्शन हॉउस है, उसके चलते ही कुछ बोल दीजिये। आपके “मित्रों” में से एक हैं वो।
मगर एक औरत के सर कलम करने की बात प्रधानसेवक जी की पार्टी से होरही है और कोई जवाब तलब नहीं …ये केला गणराज्य नहीं तो क्या है।
और अंत में मित्रों ,मेरी बात का बुरा मत मानियेगा। मैंने केला गणराज्य शब्द का प्रयोग सिर्फ व्यंग्य केलिए किया था। मैं भी इसी केला गणराज्य का निवासी हूँ। बाहर से नहीं बोल रहा हूँ।
I am after all a I am after all a Proud citizen of India . मेरा अब भी मानना है के मेरा भारत महान है। इसे एक संपूर्ण केला गणराज्य बनाने के काफी मेहनत लगेगी। कुछ भाई लोग hain, लगे हुए हैं। उनकी दुनिया अब भी उम्मीद पर कायम है। जय हो।