नई दिल्ली। जेएनयूएसयू के अध्यक्ष मोहित पांडे ने नजीब प्रकरण में वाइस चांसलर जगदीश कुमार की भूमिका पर सवाल उठाये है। मोहित पांडे ने दिल्ली पुलिस और जेएनयू प्रशासन के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि जेएनयू के वाइस चांसलर जगदीश कुमार इस पुरे मामले में शक भरा किरदार है। जेएनयू प्रशासन और पुलिस इस केस में पहले दिन से ही असंवेदशीलता दिखा रही है। प्रशासन और पुलिस उन चश्मदीदों के बयानो को नजरअंदाज कर रही है जिन्होने एवीबीपी के लड़को द्वारा नजीब को पिटते हुए देखा था। पिछले 13 दिन से गायब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र नजीब अहमद का कुछ पता नहीं चल पाया है। नजीब की मां, बहन और जेएनयू के छात्र नजीब मामले को लेकर लगातार दिल्ली पुलिस पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। गुरुवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में मोहित पांडे ने नजीब के परिवार के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली पुलिस पर कार्रवाई में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया।
JNU के वीसी पर छात्रों का आरोप
प्रेस कॉनफ्रेंस में जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित पांडे ने जेएनयू के वीसी जगदीश कुमार और दिल्ली पुलिस पर जमकर आरोपों की बौछार की। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले पर वीसी का रवैया शक भरा रहा है। मोहित पांडे का कहना है कि जेएनयू प्रशासन एबीवीपी के उन लड़को को इस बचाने में लगी है। जेएनयू के एमएससी (बायोटेक) के स्टूंडेट नजीब अहमद को जेएनयू कैंपस से गायब हुए 13 दिन हो गये है। गुमशदगी के एक रोज पहले एवीबीपी के लड़को के साथ नजीब की हाथापाई हुई थी।
ABVP छात्रों पर कार्रवाई नहीं कर रही है दिल्ली पुलिस
मोहित ने जेएनयू के वाइस चांसलर पर सवाल उठाते हुए कहा आखिर ऐसी क्या वजह है नजीब के साथ मारपीट करने वाले एवीबीपी के स्टूडेंट पर कार्यवायी नहीं की गई।
16 तारिख को वॉर्डन कमेटी की ऑफिसियल मीटिंग में इस बात की पुष्टि हुई थी। नजीब के साथ हिंसा हुई थी लेकिन जांच के वक्त इस तथ्य को क्यों नहीं शामिल किया गया।
यूनिवर्सिटी आखिर किसके दबाव में आरोपियों के नजीब को कहे हुए अपशब्दों और 72 हूरों जैसे शब्दों को शिकायत से हटा दिया है। नजीब को पीटे जाते वक्त चश्मदीद शाहिद रजा का कहना है कि वार्डन रोके जाने के बाद भी नजीब को मारा जा रहा था। और वे लोग चिल्ला रहे थे कि इस क$%ए को 72 हूरों के पास पहूंचा देंगे। वार्डन हमारे देखते हैं सिक्यूरिटी गार्ड देखते है। आप को कोई कंप्लेन करनी जरुरत नहीं है । नजीब को हमको सौंप दीजिए इस सइस क$%ए को 72 हूरों के पास पहूंचा देंगे।
वहीं नजीब की बहन का कहना है कि जेएनयू प्रशासन और दिल्ली पुलिस का रवैया टालने वाला रहा। वो ये समझ ही नहीं रहे हैं किसी मां का बेटा 13 दिन से गायब है उस पर क्या गुजरती होगी। पुलिस नजीब को निजामुद्दीन दरगाह में तलाशने की बात कर रही है लेकिन जेएनयू कैंपस में तलाशी नहीं कर रही है। आरोपी छात्रों से उन्होंने एक बार भी पूछताछ नहीं की।
नजीब की मां का कहना है 14 नंवबर को आखिरी बार नजीब ने मुझसे बात की थी। वो मुझसे कह रहा था अम्मी मुझे यहां से ले जाओ मै मेट्रो में थी और जब वहां पहूंची मेरा बच्चा मुझे नहीं मिला ।उन आरोपी छात्रो को पकड़कर पुछताछ करिये। मुझे मेरा नजीब वापस कर दीजिए।