जामिया टीचर्स सॉलिडारिटी एसोसिएशन की संयोजक एवं सोशल एक्टिविस्ट मनीषा सेठी ने केरल के कथित लव जिहाद मामले पर अपनी राय रखी है।
मनीषा ने इस मामले में केरल हाई कोर्ट के फैसले और सुप्रीम कोर्ट के एनआईए जांच के निर्देश पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह एक महिला के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है और इस मामले को लव जिहाद के एंगल से देखना भी ग़लत है।
उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को धर्म चुनने का अधिकार है। अगर हादिया ने अपने अधिकार के तहत इस्लाम धर्म को अपनाया है तो इसमें क्या ग़लत है। सरकारें आख़िर क्यों धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाकर लोगों की आज़ादी पर अंकुश लगाना चाहती है?
मनीषा ने कहा कि हर महिला को अपनी मर्ज़ी से शादी करने का अधिकार है। इसी अधिकार के तहत हादिया ने मुस्लिम पति चुना। फिर हादिया के इस चुनाव को संदेह की नज़र से क्यों देखा जा रहा है?
मनीषा सेठी ने यह बातें द वायर को दिए एक इंटरव्यू में कहीं, देखें वीडियो…..