मुंबई। आठ साल पहले एक ट्रेन हादसे में अपने दोनों पैर गंवा चुकी रौशन जहां आज एमबीबीएस की परीक्षा पास कर चुकी है। मुंबई की एक सब्जी वाले की बेटी रौशन ने उर्दू माध्यम से शिक्षा प्राप्त की। गरीबी के सारे रंग देखने के बावजूद कुछ भी उन्हें अपने सपनों तक पहुँचने से नहीं रोक सका।
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रौशन का मानना है कि हर वह आवाज जो आपको कुछ अच्छा करने से रोकती है, उसे आप अपनी जीत के बाद की तालियों की तरह सुनें।
बता दें कि आठ साल पहले 2008 में रौशन जहां की दोनों पैर जोगेश्वरी के रेलवे स्टेशन पर लोकल ट्रेन के चपेट में आने से कट गया था। जिसके बाद रौशन को एक समय ऐसा लगा कि अब वह अपने सपने को साकार नहीं कर पायेगी। लेकिन उनहोंने हिम्मत नहीं हारी और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती रही।