उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में पुतला फूंके जाने को धर्म विरुद्ध कार्य बताया गया है। इसके लिए यूनिवर्सिटी के छात्र नेता अदील हमजा के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
बीबीसी के मुताबिक, यह नोटिस यूनिवर्सिटी के कुलानुशासक प्रोफेसर रामसेवक दुबे ने जारी किया है। उन्होंने छात्र संघ उपाध्यक्ष अदील हमजा को जारी किए गए नोटिस में कहा है, “मुख्यमंत्री आदित्यनाथ एक महान विचारधारा के चिंतक, प्रखर वक्ता एवं पवित्र मंदिर के धर्माचार्य हैं। उनका इस प्रकार किया गया पुतला दहन का कृत्य असंवैधानिक, अवैधानिक, अधार्मिक, अनाध्यात्मिक और विश्वविद्यालय अनुशासन संहिता का उल्लंघन है।”
इतना ही नहीं, हमजा पर 15 अगस्त 2017 तक यूनिवर्सिटी परिसर में प्रवेश करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन पर सीधा आरोप लगाया गया है कि उन्होंने योगी आदित्यनाथ के पुतला दहन करने वाले छात्रों की अगुआई की।
वहीं दूसरी तरह हमजा ने बीबीसी को दिए अपने बयान में कहा है कि उन्होंने इस तरह के किसी भी प्रदर्शन में भाग नहीं लिया है।
हालांकि हमजा ने यह भी कहा है कि छात्रों का मुद्दा उठाने के लिए छात्र नेता की हैसियत से अगर ज़रूरत पड़ी की मुख्यमंत्री का पुतला फूंका जाए तो वो इससे पीछे नहीं हटेंगे।
नोटिस जारी किए जाने के बाद हमजा ने कहा है कि उन्हें मुस्लिम होने के चलते निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों के प्रदर्शन को जबरन धार्मिक रूप देने की कोशिश कर रहा है।
वहीं दूसरी तरफ प्रोफेसर रामसेवक दुब ने अपने इस कार्रवाई को सही ठहराया है और कहा है, “यूनिवर्सिटी में छात्रों का मूल धर्म पढ़ाई है, यहां इसके सिवा किसी अन्य गतिविधि को अनुमति नहीं दी जा सकती है। पुतला दहन या शव यात्रा श्मशान में निकाली जाती है, यूनिवर्सिटी में नहीं। इसी विचार से ये कार्य विश्वविद्यालय के धर्म के विरुद्ध है।”