सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार सिटिंग जज के खिलाफ होगी सुनवाई

नई दिल्ली: न्यायपालिका के इतिहास में यह पहला मौका है जब सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हाईकोर्ट के जज जस्टिस सीएस कर्णन के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करने का फैसला किया है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता में सात जजों की पीठ इस मुद्दे पर आज ऐतिहासिक सुनवाई करेंगे.

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हिंदुस्तान के अनुसार, न्यायपालिका के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब हाईकोर्ट के कार्यरत जज पर सुप्रीम कोर्ट अवमानना की कार्यवाही करेगा. इसस पूर्व सुप्रीम कोर्ट अपने ही पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू पर कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही चला चुका है.

जस्टिस करनन ने 23 जनवरी 2017 को प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के वर्तमान और पूर्व 20 जजों के नाम लेकर कहा था कि न्यायपालिका में मनमाने और बिना डर के भ्रष्टाचार हो रहा है. इसकी किसी एजेंसी से जांच होनी चाहिए.
सर्वोच्च अदालत ने जस्टिस कर्णन के इसी पत्र पर संज्ञान लिया है.

बता दें कि जस्टिस करनन पहले भी विवादों में रहे हैं, जब उन्होंने मद्रास हाईकोर्ट में रहते हुए अपने ही चीफ जस्टिस के खिलाफ आदेश जारी किए थे. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई के कोलेजियम के उन्हें मद्रास से कोलकाता हाईकोर्ट ट्रांसफर करने के फैसले पर खुद ही स्टे कर दिया था. तथा सीजेआई को नोटिस देकर जवाब मांगा था. लेकिन बाद में वह मान गए. हालांकि उन्होंने मद्रास में अपना बंगला अब भी खाली नहीं किया है. इस मामले में वह 13 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुंगे. वह व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होकर दो जजों के बेंच के सामने अपना पक्ष रखेंगे.