बदरंग हो रहे ताजमहल के आसपास कूड़ा जलाने पर होगी कार्रवाई: पर्यटन विभाग

आगरा: ताजमहल के पीले और काले पड़ने को लेकर उच्चस्तर पर मंथन चल रहा है। आईआईटी कानपुर में इस पर अध्ययन हो रहा है। केंद्र सरकार से लेकर अन्य विभाग भी इस बात को पता करने में लगे हैं कि किस कारण से ऐसा हो रहा है। अभी तक आए परिणामों में प्रदूषण को ताज के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है। इसके बावजूद प्रशासन अभी तक इस इसपर अंकुश नहीं लगा पाया है।

इधर, मंडलायुक्त राव ने माना कि कूड़ा जलना हानिकारक है। इससे ताजमहल का रंग भी बदरंग हो रहा है। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा कई बार कूड़ा जलने से ताजमहल को होने वाले नुकसान से आगाह कर चुके हैं। यही नहीं राष्ट्रीय पर्यावरण यांत्रिकी शोध संस्थान (नीरी) की टीम ने भी अपने अध्ययन में जलते कूड़े से निकलने वाले धुएं को ताजमहल के लिए हानिकारक माना था।

ताजमहल के आसपास गंदगी के कारण सैलानियों को खासी परेशानी होती है। भले ही इस क्षेत्र में रोज सफाई होती हो, लेकिन कहीं न कहीं गंदगी बिखरी मिलने से बदनामी हो रही है। इसके लिए मंडलायुक्त ने पर्यटन विभाग को जिम्मेदारी सौंपते हुए हर सप्ताह रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

ताज के पश्चिमी गेट पार्किंग और शिल्पग्राम की तरफ सड़क किनारे ही कूड़ा करकट मिल जाता है। इस तरह के दृश्य देखने के बाद विदेशी सैलानी इसे अपने कैमरों में कैद कर लेते हैं। बाद में इन फोटो को शेयर भी करते हैं।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मंडलायुक्त के. राममोहन राव ने कहा कि ताजमहल के आसपास उच्चकोटि की सफाई के निर्देश दिए गए हैं। इसका अलग से ठेका भी है। उसके बाद भी यहां सफाई व्यवस्था उच्चस्तरीय नहीं दिखाई देती।

उन्होंने उपनिदेशक पर्यटन अमित श्रीवास्तव को जिम्मेदारी सौंपते हुए निर्देश दिए कि वह अपनी टीम लगाकर इस क्षेत्र का निरीक्षण कराएं और हर सप्ताह की रिपोर्ट भी दें। साथ ही मंडलायुक्त ने कूड़ा जलता पाए जाने पर संबंधित विभागों के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी निर्देश दिए हैं।