नई दिल्ली: ओखला विधानसभा क्षेत्र के जामिया नगर क्षेत्र में जिन हाथों में किताबें होनी चाहिए उन हाथों में नशीली पदार्थ दिखाई देती हैं। यह बुरी लानत यहाँ फल फूल रहे नशा और गांजा के कारोबार की वजह से नसल को बर्बादी की ओर ले जा रही है।
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दरअसल जाकिर नगर में लगभग एक महीने पहले हुए माता पिता के हत्या की वजह भी यही नशा की बुरी लत थी, जहाँ इकलौता बेटा अपने माता पिता की हत्या कर दी। इस लत के खिलाफ आवाज़ उठती रही है मगर माफिया पर शिकंजा कसा नहीं जा सका है।
इसकी अहम वजह क्षेत्र की मिल्ली, समाजी और राज्यिक नेतृत्व की गैर तवज्जो है। गौरतलब है कि जामिया नगर में देश की नामवर दर्जन भर बड़ी संगठनों के कर्यालय हैं। इसके अलावा आधा दर्जन अन्य छोटी बड़ी संगठनें भी क्षेत्र में सकिर्य हैं। यह सभी क्षेत्रीय जनता के साथ राष्ट्रीय स्तर और विश्व स्तर पर मुसलमानों के साथ हो रही नाइंसाफी के खिलाफ आवाज़ उठाती हैं। साथ ही यहां आरडब्ल्यूए और एनजीओज की भरमार है।
यह भी क्षेत्रीय स्तर पर नेतृत्व करते हुए बुनियादी स्तर पर लोगों के मुद्दे को समाधान कराने का दावा करती रही हैं। वहीं कई कांसलर और विधायक भी एमसीडी और सरकार में जनता का नेतृत्व कर रहे हैं। मगर क्षेत्र में नशा माफिया के खिलाफ कोई आवाज़ उठाने के लिए राज़ी नहीं है।