कोलकाता पुलिस ने सोमवार को भाजपा के प्रवक्ता के खिलाफ गैर-जमानती मामले दर्ज किए। नूपुर पर आरोप है कि उन्होंने 2002 में हुए गुजरात दंगे की तस्वीर पश्चिम बंगाल के बसीरहाट में हुई हिंसा की तस्वीर बताकर शेयर किया।
भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने शनिवार को ट्विटर पर एक तस्वीर पोस्ट की थी। अपने इस पोस्ट में उन्होंने लोगों से पश्चिम बंगाल सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन में भाग लेने की अपील की थी। नूपुर ने जिस तस्वीर को पोस्ट किया था उस पर लिखा था कि पश्चिम बंगाल में शांति और गरिमा का हर मोर्चे पर क्षरण हुआ है। तस्वीर में एक गाड़ी को जलते हुए दिखाया गया है और उसके आस-पास दंगाइयों की भीड़ दिख रही है।
https://twitter.com/NupurSharmaBJP/status/883566436978892800/photo/1?ref_src=twsrc%5Etfw&ref_url=http%3A%2F%2Fnavbharattimes.indiatimes.com%2Fmetro%2Fdelhi%2Fcrime%2Fbjp-leader-nupur-sharma-tweets-fake-pic-of-west-bengal-violence%2Farticleshow%2F59512084.cms
नूपुर के ट्वीट के बाद बड़ी संख्या में ट्विटर यूजर्स ने उन पर गलत तस्वीर के माध्यम से नफरत भड़काने का आरोप लगाया। संगीतकार विशाल डडलानी ने भी नूपुर शर्मा के ट्वीट पर तीखा जवाब दिया। उन्होंने लिखा, “2002 के गुजरात दंगे की तस्वीरों का इस्तेमाल बंगाल में सांप्रदायिक नफरत फैलाने के लिए हो रहा है। इस अकाउंट की रिपोर्टिंग क्यों नहीं की गई। अकाउंट को बंद क्यों नहीं किया गया है।”
Images from 2002 Guj. riots to promote communal hatred in Bengal. Why hasn't this account been reported/shut-down? @Twitter @TwitterIndia https://t.co/IHVoL62svx
— VISHAL DADLANI (@VishalDadlani) July 9, 2017
बता दें कि नूपुर शर्मा दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ की अध्यक्ष रह चुकी हैं। उन्होंने 2015 के नई दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ लड़ा था। गौरतलब है कि इससे पहले भाजपा की ही नेता विजेता मलिक पर फेसबुक भोजपुरी फिल्म की तस्वीर को 24 परगना संप्रदायिक हिंसा की तस्वीर बता कर हिंसा फैलाने का आरोप लगा था।
हरियाणा की भाजपा नेता ने अपने फेसबुक वॉल पर भोजपुरी फिल्म की एक तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा था, “बंगाल में जो हालात हैं वो हिंदुओं के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय है। हिंदू को ही क्यों मारा जा रहा है और सरेआम उसकी इज्जत के साथ खेला जा रहा है। इस पर कोई कुछ नहीं बोलता और न ही अवार्ड वापस हो रहा है। न तो देश छोड़ कर जाने की बात हो रही है और राज्य सरकार भी हाथ पर हाथ रख कर बैठी है।”