30 साल भारतीय सेना में नौकरी करने के बाद पिछले साल असम के रहने वाले सैनिक मोहम्मद अज़मल हक रिटायर हो गए थे। लेकिन उसके बाद से ही उनसे उनकी नागरिकता के सबूत मांगे जा रहे हैं। विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा उनके घर एक नोटिस आ पहुचने के बाद अजमल का पूरा परिवार सकते मे है ।
इस नोटिस में अज़मल को संदिग्ध मतदाता की सूची में डाल दिया गया और सभी दस्तावेजों को जमा करवा उन्हें भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए कहा गया। DNA की ख़बर के मुताबिक अज़मल ने कहा कि पहली सुनवाई 11 सितंबर की थी लेकिन मैं उसमें जा नहीं सका क्योंकि नोटिस मेरे पास देर से पहुंचा था। अब 13 अक्टूबर को अज़मल अपनी बात रखेंगे।
आप को बता दें की अज़मल 1986 में मैकेनिकल इंजीनियर के तौर पर भारतीय सेना में शामिल हुए थे। जब वे रिटायर हुए थे तो वे उस समय जूनियर कमीशन्ड ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे। अज़मल ने कहा कि छह महीने की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद मैंने सेना के लिए तकनीकी विभाग में देश के अलग-अलग हिस्सों में काम किया।
एलओसी, इंडो-चाइना बोर्डर और कोटा में भी अज़मल भारतीय सेना से जुड़े रहे। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब अज़मल को भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए नोटिस भेजा गया है। इससे पहले साल 2012 में अज़मल की पत्नी ममताज बेगम को नोटिस भेजकर भारतीय नागरिकता साबित करने की बात कही गई थी।
उस समय अज़मल चंडीगढ में पोस्टेड थे। अज़मल की पत्नी ने एक अफिडेविट के जरिए कोर्ट में भारतीय नागरिकता साबित की थी जिसमें अज़मल को उसका बताया गया था।