नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड महिला विंग की अध्यक्ष डॉ असमा जोहरा ने बुधवार को बताया कि अब तक देशभर के विभिन्न राज्यों और जिलों में आयोजित मुस्लिम महिलाओं की तीन तलाक बिल के खिलाफ आयोजित होने वाली रैली और प्रदर्शन में डेढ़ करोड़ से अधिक महिलाओं ने हिस्सा लिया है।
उन्होंने बताया कि भारत में पहली बार इतनी बड़ी तादाद में मुस्लिम महिलाएं अपने अधिकारों के लिए खुलकर सड़कों पर उतरी हैं और सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज करा रही हैं। डॉ असमा जोहरा ने बताया कि संसद के बजट सत्र के अंतिम दिनों तक मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम महिलाओं के विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है।
देश की राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में चार अप्रैल के दिन तो देश की वाणिज्य राजधानी मुम्बई के आजाद मैदान में 31 मार्च के दिन एक ऐतिहासिक रैली आयोजित की जा रही है। इन दोनों रैलियों में मुस्लिम महिलाओं की बड़ी तादाद लाने के लिए मेहनत की जा रही है। इसके अलावा दो अप्रैल को बेंगळुरु और अकोला में भी एक बड़ी रैली की तैयारी है।
अभी इन स्थानों पर सरकार की तरफ से अनुमति नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि बोर्ड की तरफ से देशभर में आयोजित की जा रही मुस्लिम महिलाओं की रैली का असर केन्द्र सरकार पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार में शामिल दलों की तरफ से राज्यसभा में इस विधेयक के पास नहीं कराए जाने का दबाव है।
इन रैलियों के माध्यम से हम अपने हम यह बताने और समझाने में कामयाब हुए हैं कि मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक बिल मंजूर नहीं है। वह इसके विरोध के लिए करोड़ों की तादाद में सड़कों पर उतरी हैं।