लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पूर्व सीएम अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट यानि गोमती रिवर फ्रंट पर सीएम योगी आदित्यनाथ के जांच के आदेश के बाद अब समाजवादी पार्टी की पूर्व सरकार का सबसे बड़ा ड्रीम प्रोजेक्ट आगरा लखनऊ एक्सप्रेस—वे की जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए सर्वे जांच एजेंसी से भी संपर्क किया गया है।
दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला वेब पोर्टल से मिली जानकारी के मुताबिक ये बात सामने आई कि इस प्रोजेक्ट के लिए ज्यादा मुआवजा पाने के लालच में खेती की जमीन को रिहायशी जमीन की श्रेणी में दिखाया गया है। इस मामले में प्रदेश सरकार ने 10 जिलों के डीएम को पत्र भेजा है और पिछले 18 महीने में हुई जमीन खरीद की रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि एक्सप्रेस वे को विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया गया था। एक्सप्रेस-वे के लिए 232 गांवों के 30 हजार से ज्यादा किसानों से लगभग 3,500 हेक्टेयर भूमि आपसी सहमति से खरीदी गई थी। विपक्षियों ने जहां अधूरा एक्सप्रेस वे बनाकर उसका उद्धाटन करने को लेकर अखिलेश पर निशाना साधा था वहीं अखिलेश ने पलटवार करते हुए ये तक कहा था कि प्रधानमंत्री अगर इस एक्सप्रेस वे पर चलेंगे तो वे खुद सपा को वोट दे देंगे।