राज्यसभा की तीसरी सीट पर अपने उम्मीदवार बलवंतसिंह राजपूत की हार मामले में भाजपा सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा है कि दो विधायकों के मत रद्द करने के चुनाव आयोग के फैसले को पार्टी उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी। इसके लिए संविधानविदों की राय ली जा रही है।
चुनाव आयोग द्वारा दो विधायकों का मत रद्द किए जाने के बाद कांग्रेस के अहमद पटेल को विजेता घोषित किया गया था। रुपाणी ने कहा कि कांग्रेस के दो बागी विधायकों के वोट गिने जाते तो राजपूत डेढ़ मत से चुनाव जीत जाते। उन्होंने मंगलवार रात करीब 3 बजे मीडिया को दिए बयान में कहा कि कांग्रेस के पास 57 विधायक थे। राकांपा के दो और जदयू व निर्दलीय के एक-एक मत जोड़ने के बाद उनके पास 61 विधायकों का समर्थन था। लेकिन, चुनाव में उन्हें सिर्फ 44 वोट मिले।
रुपाणी ने कहा कि कांग्रेस को जीत का स्वाद तो मिला, लेकिन वह गुड़ जैसा मीठा नहीं नमक जैसा खारा साबित होगा। इससे पहले उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने भी कहा कि कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल पार्टी के दो बागी विधायकों पर गुस्सा हो गए तथा उनका हाथ पकड़ लिया। विधायकों ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की। लेकिन, आयोग उनकी आपत्ति पर आयोग ने कोई नोटिस नहीं लिया।