कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले लोकसभा सीट किशनगंज इस बार जदयू और ओबैैसी फैक्टर से जूझ रहा है। ओबैैसी की पार्टी एमआइएम ने पूर्व विधायक अख्तरूल इमान को अपना उम्मीदवार बनाया है। मुस्लिम बहुल क्षेत्र किशनगंज में पिछले दो चुनावों से ओबैैसी अपनी धाक जमाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस बार एमआइएम की इंट्री से मुकाबला त्रिकोणात्मक होने के आसार हैं। 2014 के चुनाव में जदयू के उम्मीदवार के रूप में अख्तरूल ने बीच चुनाव में ही अपने को वापस कर लिया था। इसके बाद वे एमआइएम मेें शामिल हो गये। एमएसआइ प्रमुख ओबैैसी की चुनावी सभा भी होने वाली है।
यहां दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान होना है। एनडीए ने यहां जदयू के महमूद अशरफ को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि, महागठबंधन में कांग्रेस के स्थानीय विधायक मो जावेद चुनाव मैदान में हैं। जदयू उम्मीदवार के पक्ष में झारखंड के नेता सालखन मुर्मू कैप कर रहे हैं।
प्रभात खबर के अनुसार, किशनगंज और उसे सटे कटिहार व पूर्णिया में सालखन मुर्मू की अगले गुरुवार तक सभा आयोजित की गयी है। किशनगंज में आदिवासी मतदाताओं की अच्छी तादाद है।
सालखन की गिनती आदिवासियों पर मजबूत पकड़ रखने वाले नेताओं में होती है सालखन के अलावा एनडीए के नेताओं की भी किशनगंज में सभा होने वाली है।