कांग्रेस समेत देश के 21 विपक्षी दलों ने पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित आतंकी शिविर पर भारतीय वायुसेना की कार्रवाई और इसके बाद पाकिस्तानी दुस्साहस को विफल किए जाने की सराहना की. सभी दलों ने बुधवार को कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वे अपने सशस्त्र बलों एवं सेना के साथ खड़े हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलवामा हमले के बाद भाजपा के नेताओं ने जवानों की शहादत का राजनीतिकरण किया जो गंभीर चिंता का विषय है. भारत और पाकिस्तान सीमा पर तनावपूर्ण हालात के बीच कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों की बैठक हुई. बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संवाददताओं के समक्ष विपक्षी दलों का संयुक्त बयान पढ़ा जिसमें पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की कड़ी निंदा की गई.
संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘बैठक में शामिल सभी नेताओं ने 14 फरवरी को पुलवामा में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकी हमले की एक स्वर में कड़ी भर्त्सना की. उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में हमारे सशस्त्र बलों व सेना के साथ एकजुटता का संकल्प दोहराया.’’ इस बयान के मुताबिक 21 दलों ने 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना द्वारा आतंकी ठिकाने पर किए गए हमले की प्रशंसा की तथा सेना के तीनों अंगों के साहस की सराहना की. विपक्षी दलों ने यह भी कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद सत्ताधारी दल के नेताओं ने जवानों की शहादत का ‘राजनीतिकरण’ किया जो गंभीर चिंता का विषय है.
Congress President Rahul Gandhi after opposition meeting: Leaders condemned Pakistani misadventure & expressed deep concern for safety of our missing pilot. Leaders urged govt to take the nation into confidence on all measures to protect India's sovereignty, unity & integrity. pic.twitter.com/v5RYquSz0w
— ANI (@ANI) February 27, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा का स्थान राजनीतिक दलों की स्वार्थसिद्धि से कहीं ऊचा होता है. राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय में राजनीतिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिए कोई स्थान नहीं हो सकता.’’ इन दलों ने आरोप लगाया, ‘‘पुलवामा हमले के बाद सर्वदलीय बैठक न बुलाने के प्रधानमंत्री के निराशाजनक व्यवहार पर हम खेद प्रकट करते हैं क्योंकि यह हमारे प्रजातंत्र की स्थापित परिपाटी के विरुद्ध है.’’ बयान के मुताबिक बैठक में शामिल नेताओं ने मौजूदा सुरक्षा हालात पर गहन चिंता प्रकट करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी उस बयान का भी संज्ञान लिया जिसमें पाकिस्तान द्वारा भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के प्रयास को विफल करने का उल्लेख है.
उन्होंने पाकिस्तान के इस दुस्साहस की निंदा की और वायुसेना के एक लापता पायलट की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई. विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार का आह्वान किया कि वह भारत की संप्रभुता व एकता की रक्षा के लिए उठाए जाने वाले हर कदम पर देश को विश्वास में ले. संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में हो रही इस बैठक में संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी एवं गुलाम नबी आजाद, तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू, तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव सुधाकर रेड्डी, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा और राजद के मनोज झा शामिल हुए.
इसके अलावा आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, द्रमुक के टी शिवा, झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा, झारखंड विकास मोर्चा के अशोक कुमार, ‘हम’ के जीतनराम मांझी, तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) के कोडानदरम, जद(एस) के कुंवर दानिश अली, केरल कांग्रेस (एम) के के. जोस मणि और कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी बैठक में शिरकत की.