एक कैदी ऐसा जिसने जेल में की पढ़ाई और पाया गोल्ड मेडल

वाराणसी: गैर इरादतन हत्या के आरोप में सेन्ट्रल जेल में बंद आरोपी अजीत सिंह का इग्नू वाराणसी डायरेक्टर ने स्वागत किया। अजीत पर गैर इरादन हत्या का आरोप है। उनको चार साल बाद इस मामले में ज़मानत मिली है। अजीत कुमार ने जेल में रहने के दौरान इग्नू से डिप्लोमा इन टूरिज्म स्टडीज की पढ़ाई की। साल 2015 में सर्वोच्च अंक पाकर स्वर्ण पदक पाया। उस दौरान दीक्षांत समारोह में उसे पदक दिया गया था। सेंट्रल जेल की रिपोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश पर अजीत को अंतरिम जमानत पर चार अप्रैल को रिहा किया गया है।
जौनपुर के कुटीरचक निवासी अजीत कुमार का कहना है कि वर्ष 2010 में गांव में उसके दादा से एक व्यक्ति की रंजिश थी और व​ह व्यक्ति नशे का आदी था। कुछ दिनों बाद जब उस व्यक्ति की मौत हो गई तो उसकी मौत का सारा आरोप उसके सिर आ गया। गैर इरादतन हत्या में उसे 15 मई, 2010 को 10 साल की सजा हो गई। तब वह कुटीर पीजी कॉलेज चक्के का बीएससी प्रथम वर्ष का छात्र था। 10 माह जेल के बाद उसे जमानत मिली लेकिन फिर 2012 में सजा हो गई। अजीत के हौसले ने उसकी पढ़ाई को जारी रखने में मदद की वरना सब कैदी अजीत जैसे नहीं होते।