अजोध्या विवाद: जमीयत के बाद अब हिंदू पक्ष ने शुरू की बहस, आगली सुनवाई 6 जुलाई को

नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद राम जन्मभूमि स्वामित्व विवाद सुप्रीम कोर्ट में पिछले कई महीनों से जारी सुनवाई के दौरान मुस्लिम संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हुए जमीअत उलेमा हिंद की ओर से नियुक्त वकील डॉक्टर राजीव धवन और डॉक्टर राजू राम चंद्रन की तर्क और विस्तृत चर्चा के बाद कल हिन्दू पक्ष के वकीलों ने बहस शुरू की। और अदालत को यह बताने की कोशिश की कि बाबरी मस्जिद स्वामित्व का मामला एक आम संपत्ति विवाद है, जिसकी सुनवाई तीन सदस्यीय बेंच ही करने के योग्य है।

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राम जन्मभूमि पक्ष का प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता के परासारान ने बहस की शुरुआत की और अदालत को बताया कि डॉक्टर इस्माइल फारूकी निर्णय का सहारा लेकर मुस्लिम पक्ष यह चाहते हैं कि इस मामले की सुनवाई बहु सदस्यीय बेंच के सामने हो जो सरासर असंवैधानिक है। क्योंकि इस्माइल फारूकी का निर्णय सही है, संशोधन की कोई आवश्यकता नहीं है।

वरिष्ठ वकील प्रासरान की बहस के बाद अन्य वकीलों ने बहस शुरू की, जिन्हें अदालत ने चेतावनी दी कि अपनी बहस को तूल न दें, जिस तरह एक विशेष विषय पर डॉक्टर राजीव धवन ने बहस की है, वह भी अपने आप को सीमित रख कर बहस करेंगे।