अपने ही देश में ‘विदेशी’ बनी यह महिला, 21 साल बाद भेजा जाएगा पाकिस्तान

11 मई, 1997 की शाम को पति की मौत के बाद परेशान अमीना बेगम परिवार छोड़कर अपने चार बच्चों के साथ बस से लाहौर से निकलीं। एक दिन बाद वह अपने होम टाउन दिल्ली पहुंची, और नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के जाफराबाद स्थित चौहान बांगर क्षेत्र में अपने माता-पिता के घर पर आश्रय मांगा। शादी के बाद एक पाकिस्तानी नागरिक हो जाने की वजह से उन्हें भारत में रहने के लिए 90 दिन का वीज़ा दिया गया था। 

21 सालों तक अमीना किसी तरह भारत में रहती रहीं। पहले तो वह समय-समय पर अपना वीजा एक्सटेंड करवाती रहीं लेकिन 10 साल बाद 2007 में वीजा एक्सटेंशन संभव नहीं रह गया। अमीना के पास इतना साहस नहीं था कि वह किसी अथॉरिटी से बात करके अपनी ससुराल वापस जाने का जोखिम उठा सकें। तीन दिन पहले अमीना के जीवन में उथल-पुथल हो गई जब दिल्ली पुलिस की एक स्पेशल ब्रांच ने 50 साल की अमीना के साथ उनके दो बेटों उमर द्राज (22) और मोहम्मद वकास (25) को गिरफ्तार कर लिया गया। अमीना की दोनों बेटियां असमा (27) और उजमा (29), जिनकी शादी दिल्ली के जाफराबाद में ही हुई है, उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।

बेगम के भाई अखलाक अली ने कहा, ‘हमारे पिता ने 1990 में दूर के एक रिश्तेदार के यहां पाकिस्तान के लाहौर में मोहम्मद नफीस से उनकी शादी की थी। नफीस वहीं मिट्टी के बर्तनों का बिजनस करते थे। शादी के बाद अमीना पाकिस्तानी नागरिक हो गईं और उन्होंने पाकिस्तान का पासपोर्ट ले लिया, जिससे कि वह साल में एक बार अपने माता-पिता से मिलने भारत आ सकें। लेकिन फिर उनके पति की एक ऐक्सिडेंट में मौत हो गई, जिसके बाद उनके परिवार ने इसके लिए अमीना को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया। इस व्यवहार ने उसे पूरी तरह से तोड़ दिया।’

अली ने दावा किया कि इसके बाद जब अमीना अपने बच्चों के साथ जाफराबाद आई तो वापस लौटने का कोई मतलब नहीं रह गया। उन्होंने कहा, ‘इसके बाद मेरे पिता ने अमीना की बेटियों की शादी तक पूरी मदद की। हाल ही में उनकी मौत हो गई।’ अमीना का परिवार चौहान बांगर में तीन कमरों के एक घर में अली और अपने दूसरे भाई वाजिद के परिवार के साथ रहता है।

अमीना की बेटी उज्मा ने कहा, ‘मेरी मां अपने ही देश में विदेशी हैं और उन्हें अब एक ऐसे देश में भेज दिया जाएगा, जिससे उन्होंने कभी प्यार नहीं किया। वह कभी पाकिस्तान में नहीं रहना चाहती थीं लेकिन अपनी शादी की वजह से रहीं।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे तो यह भी याद नहीं कि लाहौर का मेरा घर कैसा था और मेरे पिता कैसे दिखते थे।’ फिलहाल अमीना सेंट्रल जेल में हैं।

साभार- नवभारत