अलीगढ में रह रहे रोहिंग्या को लेकर एजेंसियां अलर्ट

अलीगढ़ से रोहिंग्या को लेकर केंद्रीय और स्थानीय खुफिया एजेंसियां नजर गड़ाये हुए है। जिस तरह से बीते दिन असम के घुसपैठियों जो शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं उन्हें लेकर मामला गर्माया हुआ है।

उसके बाद पूरे भारत में खुफिया एजेंसी रोहिग्या और बांग्लादेशियों की पहचान में लगी है। उधर, मौलाना बिलाल ने केंद्र सरकार से अपील की है कि मुल्क के हालात बेहतर होने तक इन लोगों को हिंदुस्तान में रहने की इज़ाज़त दी जाए।

इस मामले के सामने आते ही अलीगढ़ में अधिकारी सतर्क हो गये हैं। अब हर पहलू की नये सिरे से जांच की जा रही है। शरणार्थियों के रिकॉर्ड को खंगाला जा रहा है। साथ ही उनके कार्ड का सत्यापन भी शुरू कर दिया गया है।

मकदूम नगर में इलाके के पूर्व पार्षद शहजाद अल्वी ने अपनी खाली पड़ी जमीन रोहिंग्या परिवारों के बच्चों के लिए दे दी है, जिस पर रोहिंग्या मो. हाफिज सैफ (आलिम-मदरसे में पढ़ाने वाले) मदरसा चलाते हैं और इनके मदरसे में 60 के करीब रोहिंग्या बच्चे पढ़ते हैं।

वह कहते हैं कि वह जहन्नुम से निकलकर आए हैं और भारत उन्हें जन्नत की तरह लग रहा है। फिर यहां से जाने की क्यों सोचें। उन्हें स्थानीय सरकार पर पूरा भरोसा है।

एसएसपी अजय कुमार साहनी बताते हैं कि अलीगढ़ शहर में करीब 250 रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं। जिनका पूरा रिकॉर्ड विभाग के पास है। अलीगढ़ में साल 2010-12 के करीब मीट एक्सपोर्ट इंडस्ट्री में उछाल आने की वजह से शहर में रोहिंग्याओं का आना शुरू हो गया। मकदूम नगर में अब इन रोहिंग्याओं की संख्या करीब 300 से 400 है।