नई दिल्ली: “सबका साथ सबका विकास” का नारा देते हुए अल्पसंख्यकों की कलयाण की बात करने वाली मोदी सरकार ने एक बार फिर अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अल्पसंख्यक भूमिका पर ज़ोरदार हमला किया है और ऐलान किया है कि वह 2019 से पहले पहले उनके अल्पसंख्यक भूमिका को अदालत से समाप्त कराने की कोशिश करेगी।
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यहां मीडिया से बात करते हुए सामाजिक कलयाण मामलों के केंद्रीय मंत्री थावर गहलोत ने कहा कि हम मानव संसाधन मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी सरकार जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी मानते हैं और हम उसको अल्पसंख्यक संस्था नहीं मानते।
उन्होंने कहा कि इन दोनों युनिवर्सिटियों में एससी एसटी के लोगों को भी भागीदारी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द अदालत जामिया के अल्पसंख्यक भूमिका को समाप्त करे।
गौरतलब है कि इस समय मोदी सरकार के खिलाफ पूरे देश में दलितों की आन्दोलन चलाई जा रही है, जिससे सरकार की नींद हराम है। इसलिए अब दलितों को मुसलमानों की ओर ध्यान केंद्रित करने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिल्लिया इस्लामिया से जोड़ने की बात कही जा रही है और यह कहा जा रहा है कि इसमें एससी एसटी के लोगों को भी शिक्षा प्राप्त करने की इजाजत होनी चाहिए।