मोदी सरकार की नीतियों के ख़िलाफ देशभर में बैंकों की 22 अगस्त को हड़ताल

कोलकाता। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियंस (यूएफबीयू) ने केंद्र की नीतियों के खिलाफ 22 अगस्त को बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।

यूएफबीयू के पश्चिम बंगाल के संयोजक सिद्धार्थ खान ने कहा कि सरकार सुधारों के नाम पर भारतीय बैंकिंग क्षेत्र का निजीकरण और एकीकरण करना चाहती है। उन्होंने कहा कि बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) का गठन सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों को एक बैंकिंग निवेश कंपनी के तहत लाने और सरकारी बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी घटाकर 49 प्रतिशत से कम पर लाने के लिए किया गया है।

उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियां 6.83 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई हैं, जो प्रमुख चिंता की वजह है। प्रावधान की वजह से बैंकिंग प्रणाली की वित्तीय सेहत प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि बैंक डूबे कर्ज की वसूली का प्रयास करने के बजाय उसे बट्टे खाते में डालने पर ध्यान दे रहे हैं।