लखनऊ: हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अक्सर कोई न कोई जनहित याचिका दायर किया जाता है लेकिन कुछ ही मामलों में कोर्ट उसपर सुनवाई करने को तैयार होती है ज़्यादातर को रद्द कर दिया जाता है। कुछ मामलों में हाईकोट याचिका को बेतुका और सस्ती लोकप्रियता करार देकर याची पर जुर्माना भी लगाती है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी के एडवोकेट जनरल के खिलाफ दाखिल पीआईएल को खारिज कर दिया है इसके साथ ही याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपए का जुर्माना देने का आदेश दिया है। एडवोकेट सुरेश गुप्ता ने एक जनहित याचिका दायर करके एडवोकेट जनरल की नियुक्त के लिए सरकार को नियम बनाने मांग की थी। न्यायमूर्ति वीके शुक्ला और डीके उपाध्याय ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता पर सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए जनहित याचिका दायर करने पर 50 हज़ार का जुर्माना भी लगा दिया। हाल ही में सीएम योगी के कहने पर यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने राघवेंद्र सिंह को एडवोकेट जनरल नियुक्त किया था जो 1998 में शाहाबाद से सांसद रह चुके हैं। वह अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहने के साथ भाजपा से भी जुड़े रह चुके हैं। पिछली सरकार में विजय बहादुर सिंह एडवोकेट जनरल थे।