अवैध बूचड़खाने बंद होने से रोज़ी रोटी का संकट,योगी सरकार 10 दिन में बनाए योजना- हाईकोर्ट

लखनऊ- इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच ने अवैध बूचड़खानों पर योगी सरकार को 10 दिन के अंदर योजना बनाने को कहा है।  उत्तरप्रदेश में योगी सरकार आते ही अवैध बूचड़खानों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई हुई, जिसके बाद इस धंधे से जुड़े लोगों पर रोज़ी रोटी का संकट पैदा हो गया है साथ ही लोगों को मटन भी नहीं मिल रहा है। योगी सरकार को आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने कहाकि  सरकार 10 दिन के अंदर योजना बनाए ताकि बंद हुए अवैध बूचड़खानों और मीट की दुकानों से लोगों की रोज़ी रोटी पर असर ना पड़े। कोर्ट ने सख़्त लहज़े में कहाकि खाने की पसंद जीने के अधिकार के तहत आती है, खाने की कई आदतें प्रदेश में फैल चुकीं हैं और ये सेक्युलर राज्य की संस्कृति का हिस्सा बन चुकीं हैं।

कोर्ट ने ये आदेश एक व्यापारी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया। व्यापारी ने  दुकान का लाइसेंस रिन्यू करने का आदेश देने की गुहार लगाई थी, क्योंकि देरी के कारण उसे बिजनेस में नुकसान हो रहा है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस अमरेश्वर प्रताप शाही और जस्टिस संजाय हरकौली की बेंच ने कहा कि जो खाना स्वास्थ्य के अनुकूल है, उसे गलत विकल्प नहीं माना जा सकता और यह सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी  राज्य सरकार की है कि लोगों को बेहतर खाने की सप्लाई हो। कोर्ट में राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि मीट खाने या सभी बूचड़खानों को बंद करने का कोई प्लान नहीं है

सरकार ने कहा कि उसका इरादा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सिर्फ अवैध बूचड़खानों को बंद करने का है। इसके बाद हाई कोर्ट ने इसे मानते हुए कहा कि सरकार ने मीट पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। उसने सिर्फ गैरकानूनी तरीके से चलने वाले बूचड़खानों को बंद किया है, जबकि लाइसेंस प्राप्त बूचड़खाने चल रहे हैं। बूचड़खाने और मीट की दुकानों के मालिकों ने लाइसेंस रिन्यू होने में देरी की अर्जी को हाई कोर्ट ने एक में ही मिला दिया है, जिसकी सुनवाई अब 13 अप्रैल को होगी।