उमर हत्याकांड में बड़ा खुलासा, दुर्घटना दिखाने के लिए लाश को पटरी पर डाला गया, पुलिस पर भी आरोप

अलवर: राजस्थान के अलवर में गाय ले जाने की वजह से कथित गौरक्षकों द्वारा उमर की हत्या और ताहिर की गंभीर पिटाई के मामले में कई सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। पुलिस की भूमिका पर शक किया जा रहा है। उधर मुस्लिम मियो बिरादरी के लोग मियो पंचायत के नेतृत्व में धरना पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों ने आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।

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परिजनों का कहना है कि इस मामले में पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं, क्योंकि पुलिस ने लगातार इस घटना को दबाने की कोशिश की है। पीड़ितों के परिजन के अनुसार गायों को जबह के लिए नहीं ले जा या जा रहा था, क्योंकि सभी गायें दूध देने वाली हैं। उधर मियो पंचायत अलवर के प्रवक्ता कासिम मेवाती का कहना है कि जब तक पुलिसकर्मी और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता, तब तक वह लाश नहीं लेंगे और धरना इसी तरह जारी रखेंगे।

गौरतलब है कि गौरक्षा के नाम पर दूध का कारोबार करने वाले मुसलमानों पर हुए इस हमले की खबर के सामने आने से क्षेत्र में सनसनी फ़ैल गई है। उमर खान और ताहिर राजस्थान के अलवर जिले से पिकअप वैन में गायों को लेकर भरतपुर के घाट मक्का गांव जा रहे थे। देर रात उनके साथ कथित गौरक्षकों ने मारपीट की और फिर गोलों मार दी। हमले में एक नौजवान उमर खान की मौत हो गई है, जबकि दूसरा बुरी तरह घायल है।

सूत्रों के अनुसार हमले के बाद उमर को अधमरे हालत में रेलवे ट्रैक पर डाल दिया गया और हत्या को दुर्घटना बनाने की कोशिश की गई। पुलिस ने भी रात को ही उमर खान के शव को मोरचरी में रखवा दिया, जिसकी वजह से पुलिस पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। गौरतलब है कि इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी पुलिस ने उसकी रिपोर्ट मृत के घरवालों को नहीं दी।

मौका से किसी तरह जान बचाकर भाग जाने वाला ताहिर भी भयभीत है और अभी तक ठीक से बात नहीं कर पा रहा है। मामले की रिपोर्ट के बाद भारी संख्या में मियो समाज और मियो पंचायत अलवर से जुड़े लोग राजीव गांधी अस्पताल पहुंचे। जहां मृत उमर खान की शव मोरचरी में रखी गई है। मियो पंचायत का आरोप है कि पुलिस के साथ मिलकर हिंदू समर्थक संगठनों के लोगों ने गाय ले जा रहे मुस्लिम युवकों के साथ मारपीट की और एक युवक को गोली मार कर हत्या कर दी।