लखनऊ: जब भी परिवार में किसी सदस्य की अकाल मृत्यु हो जाती है तो पूरा परिवार ही गमग़ीन हो जाता है लेकिन मरा हुआ इंसान अगर वापस परिवार वालोें के सामने आकर खड़ा हो जाए तो आप इसे क्या कह सकते हैं? फिलहाल उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें नरेश सचदेवा नाम के एक व्यक्ति की रेल दुर्घटना में मौत हो गई परिवार वालों को राजकीय रेलवे पुलिस ने शव की पहचान कराई और शव परिवार वालों को सौप दिया। परिवार वालों ने रोते बिलखते शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया लेकिन अंतिम संस्कार के 18 घंटे के बाद जब नरेश अपने परिवार वालों के सामने आकर खड़ा हो गया तो देखने वालों को लगा मानों ये उनकी नज़रों का धोखा है लेकिन ये सच है नरेश वापस जिन्दा आ गया। अब परिवार वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा वो सभी खुश हो गए और नरेश की लंबी उम्र की कामना करने लगे। इसी के साथ एक सवाल परिवार वालों के सामने भी एक सवाल खड़ा हो गया कि जिस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया गया आखिर वो कौन था? दरअसल रविवार की सुबह नरेश सचदेवा के परिजनों को रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से कटा एक संदिग्ध शव मिला था, शव की पहचान नरेश सचदेवा के रूप में हुई जिसके नरेश के परिवार में मातम पसर गया। अब जब नरेश सकुशल घर लौट आया है इस मामलें कई सवाल उठ रहे है जिसका जवाब मिलना अभी बाकी है।