AMU के इरफ़ान हबीब हैं देश की शान, माने जाते हैं महान इतिहासकार

अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट रहे और अभी वहाँ प्रोफ़ेसर के तौर पर बच्चों को तालीम देने वाले इरफ़ान हबीब को भारतीय इतिहासकारों की श्रेणी पे सबसे ऊपर की फ़ेहरिस्त में रखा जाता है. 1931 में पैदा होने वाले इरफ़ान के पिता मोहम्मद हबीब भी इतिहासकार थे.

इरफ़ान हबीब जब ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करके आये तो अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत हो गए, 1969 से 1991 तक इस पद पर रहने के बाद उन्हें प्रोफ़ेसर एमेरिटस बना दिया गया. हबीब ने इतिहास पर ढेरो किताबें लिखी हैं जिनमें “अगररिान सिस्टम ऑफ़ मुग़ल इंडिया” भी शामिल है.

उनके बारे में अमिया कुमार बागची कहते हैं कि इरफ़ान हबीब 12वीं शताब्दी से लेकर 18वीं शताब्दी का इतिहास बताने वाले सबसे महान इतिहासकारों में से एक हैं.

1982 में उन्हें वतुमुल्ल प्राइज दिया गया जो अमरीका का भारतीय इतिहास पर लिखी किताब को दिया जाने वाला एक प्रतिष्ठित पुरूस्कार है. 2005 में इरफ़ान को पदमभूषण से सम्मानित किया गया.