AMU के साथ केंद्र की सभी सरकारों ने पक्षपात किया है: कूलपति जमीरूद्दीन शाह

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आप कुलपति के रूप में साढ़े चार साल पूरा करने जा रहे हैं। यह कैसे किया?

बहुत बढ़िया रहा। यह पचास हजार सैनिकों से साथ पूर्वोतर राज्यों में उग्रवाद से लड़ने से कहीं कठिन काम रहा है। मैने यहां जो कुछ भी हासिल किया है उससे मैं संतुष्ट हूं। विश्वविद्यालय एक दिन के लिए भी बंद नहीं हुआ। एक यूएस रैंकिग के अनुसार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएसयू) भारत का दूसरा सबसे बड़ा शिक्षण संस्थान है। इसके अधिकांश ऐतिहासिक इमारतों को मरम्मत की दरूरत थी जिसे हमने कराया है। हम अनुसंधान बाहर ले जा रहे हैं। टेक्नोलॉजी के जरिए पानी और पेड़-पौधों के कचरो को रिसाइकलिंग कर इस्तेमान करने योग्य बना रहे हैं। मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि आप नदियों की सपाई में तब-तक सफल नहीं हो सकते हैं जब-तक आप गंगा और यमूना के लिए इको-बटालियन नहीं बनाते। ज्यादा नहीं, यह मनोवैज्ञानिक प्रभाव है। एएसयू का गंगा परियोजना के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, यह बताता है कि नदी भी हमारे लिए भी पवित्र है, यह सिर्फ हिंदुओं के लिए पवित्र नहीं है।

आपकी नियुक्ति को (अपर्याप्त शैक्षिक अनुभव होने के आधार पर) सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

डॉ जाकिर हुसैन एक स्कूल शिक्षक थें, हामिद अंसारी विदेश सेवा में। उन लोगों ने एक कुलपति के तौर पर बेहतरीन काम किया। मैं सेना में था। यह एक गलत धारणा है कि हम अशिक्षित लंगूर हैं। हमने सिखने और शिक्षा हासिल करने में अपना जीवन बताया है। शिक्षा एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है एक सैनिक अधिकारी के जीवन के लिए। मैंने अमूटा के सचिव और एक शिक्षक को निलंबित कर दिया क्योंकि वे अपनी ड्यूटी को सही से नहीं कर रहे थे। वह क्लास लेने के बजाए धरना दे रहे थे। उनको अवकाश लेना चाहिए था। जब मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने झुठ बोला और आवेदन दिखाया, जिसमें उन्होंने पहले की तारीख डाल रखी थी। उन लोगों में मेरे साथ बदतमीज़ी की। चौकाने वाली बात यह कि उन लोगों ने बाद में एक मीटिंग किया कुलपति के साथ किए गए दुर्व्यवहार पर चर्चा के लिए। आगजनी बाहरी लोगों ने किया, गुंडों और अलीगढ़ के अपराधी जेहनियत के जो लोग थे उन छात्रों को निष्कासित कर दिया।

 छात्राओं से आपको काफी समर्थन मिला। आप उनके लिए क्या कर रहे हैं?

हां, मैं स्वीकार करता हूं कि मुझे लड़कियों का काफी समर्थन मिला। मैंने उनके लिए अंतरराष्ट्रीय स्विमिंग पूल निर्माण कराने के लिए कहा था, जो वुमन होस्टल में निर्माणाधिन है। उसके पहले उनको इसके लिए बाहर जाना पड़ता था। हमलोग 2,100 लड़कियों को रखने की क्षमता वाला एक गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण करा रहे हैं, जिसके लिए 75 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। पूर्व मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी ने कहा था कि आप स्वीमिंग पूल में पैसे को क्यों बरबाद कर रहे हैं। मैंने कहा मैं पैसे को बरबाद नहीं कर रहा हूं, मैं चाहता हूं कि लड़किया सशक्त बने।

ईरान के साथ आपके समीकरण ठीक देखने नहीं मिले। प्रकाश जावड़ेकर के साथ कैसा है?

मैं उनसे मिला। हमलोगों ने कुलपति सम्मेलन में हाथ मिलाया। स्मृति ईरानी को एएमयू से चिढ़ थी।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विभिन्न अनियमितता को लेकर एएमयू कुलपति पर जांच बैठाने के लिए राष्ट्रपति से अनुमति मांगी है।

मैं किसी भी जांच का सामना करने के लिए किसी भी समय तैयार हूं। एएमयू हमेशा से मानव संसाधन विकास मंत्रालय की हिट-लिस्ट में रहा है। लेकिन मैं कहूंगा कि यह सब साजिश इसलिए हो रही है कि इस विकास के काम से वो लोग बहुत खुश नहीं हैं। यह सब एक व्यक्ति की करतूत है जो एएमयू के कार्यकारी परिषद का सदस्य है। हमने उसे ट्रेवल की फर्जी बिल दाखिल करने को लेकर पकड़ा और उसने विश्वविद्यालय और मेरे खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। मैं बता दूं कि किसी एक व्यक्ति के पर शिकायत ऑडित कमिटी नहीं बैठाई जा सकती। इसके बावजूद  मैं जांच का स्वागत करता हूं। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।

 भाजपा सरकार ने एएमयू की मदद की?

मुझे केंद्र सरकार से कोई गिला नहीं है। मुझे निधि आवंटन के मुद्दों पर समस्या है। वास्तविकता यह है कि केंद्र की सभी सरकारें एएमयू के खिलाफ पक्षपातपूर्ण रवैया करती हैं। वे हमारे साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते। जब कांग्रेस की सरकार थी, हमें बीएचयू से 100 करोड़ कम दिया गया। जामिया जो हमारे मुकाबले एक तिहाई से कम है उसको हमसे 50 करोड़ अधिक दिया गया। लेकिन मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री अब एएमयू का पूरा ध्यान रखेंगे।

आपके आरएसएस पर दिए गए बयान से इतना विवाद पैदा क्यों हुआ?

क्योंकि मैंने आरएसएस के बारे में सत्य कहा था। अगर कोई व्यक्ति आपकी तरफ हाथ बढ़ाता है, तो आपको इसे उपेक्षित नहीं करना चाहिए।

 तो आप राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से सहमत है।

नहीं, मैं सहमत नहीं हूं। क्योंकि वे बहुत संकीर्ण विचारधारा रखते हैं। मुझे लगता है कि वे धर्मनिरपेक्ष की ओर जा रहे हैं…यह मैं शीर्ष नेताओं के बारे में कह रहा हूं। मैं उन्हें समझाने की कोशिश की कि वे किसी भी तरह से एएमयू के मामले में हस्तक्षेप न करें। खासकर जो हमारे समुदाय की भावनाओं को आदत करते है। उन्होंने सिर को हिला दिया, पर किसी भी तरह का प्रतिबद्धता नहीं जताया। यहाँ तक कि प्रधानमंत्री ने भी सिर हिलाया, पर किसी तरह की प्रतिबद्धता नहीं दिखाई।

 एएमयू ने एक कश्मीरी छात्र को निष्कासित कर दिया, उड़ी हमले पर एक पोस्ट को लेकर।

मुझे उड़ी हमले पर खेद है। सैनिकों ने अपनी जान गवाईं। मुझे भी घाटी में हुए जीवन के बड़े पैमाने पर नुकसान पर अफसोस है। मगर एएमयू किसी भी राष्ट्र विरोधी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा।

 

साभार: इंडियन एक्सप्रेस