AMU में आतंकी मनन वानी का ‘नमाज-ए-जनाजा’ मामले में तीन छात्र सस्पेंड

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के पीएचडी स्कॉलर से हिजबुल आतंकी बने छात्र मन्नान वानी की नमाज-ए-जनाजा को परिसर के अंदर गुपचुप तरीके से पढ़ने की कोशिशों को एएमयू प्रशासन ने नाकाम कर दिया।

इस मामले में तीन छात्रों को निलम्बित कर दिया गया है। एएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर शाफे किदवई ने शुक्रवार को बताया कि एएमयू प्रशासन को कल शाम खबर मिली थी कि जम्मू-कश्मीर के रहने वाले कुछ छात्र केनेडी हॉल के पास एकत्र हुए हैं और वे वानी की नमाज-ए-जनाजा पढ़ने की फिराक में हैं।

इस पर एएमयू के सुरक्षा स्टाफकर्मी मौके पर पहुंचे। इसी बीच, एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने हस्तक्षेप करते हुए कश्मीरी छात्रों को यह नमाज पढ़ने से रोका।

उन्होंने बताया कि छात्र संघ नेताओं ने कहा कि एक आतंकवादी के जनाजे की नमाज पढ़ना स्वीकार्य नहीं है और कश्मीरी छात्रों को ऐसा नहीं करने दिया जाएगा। एएमयू सुरक्षा स्टाफ ने भी उन्हें रोका।

इस पर दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस भी हुई, लेकिन कुछ देर बाद कश्मीरी छात्र वहां से चले गये। किदवई ने कहा कि एएमयू प्रशासन का स्पष्ट मानना है कि वह किसी भी राष्ट्रविरोधी गतिविधि को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा।

उन्होंने बताया कि अवैध तरीके से भीड़ जमा करने के आरोप में विश्वविद्यालय के तीन छात्रों को निलम्बित कर दिया गया है।

पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की हिमायत करते हैं लेकिन राष्ट्रद्रोह या आतंकवाद किसी भी हाल में सहन नहीं किया जाएगा। दहशतगर्दों के समर्थन का कोई भी कार्यक्रम विश्वविद्यालय परिसर में नहीं होने दिया जाएगा।

इस बीच अलीगढ़ से भाजपा के सांसद सतीश गौतम ने आतंकवादी अब्दुल मनन वानी की नमाज-ए-जनाजा पढ़ने की कोशिश करने वाले छात्रों को एएमयू से निष्कासित करने की मांग की है।

हालांकि सतीश गौतम ने नमाज पढ़ने से रोकने के लिये एएमयू छात्र संघ की सराहना भी की। गौरतलब है कि हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकवादी मनन वानी गुरुवार को कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मारा गया था।

मनन वानी एएमयू में पीएचडी का छात्र था। पिछली जनवरी में उसने सोशल मीडिया पर एके-47 रायफल के साथ अपनी तस्वीर डाली थी, जिसके बाद उसे यूनिवर्सिटी से निष्कासित कर दिया गया था।