अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी मना रही है सर सैयद अहमद खान का दो सौवां सालगिरह

आज से ठीक दो सौ साल पहले समाजसेवी सर सैयद अहमद ख़ान का जन्म 17 अक्टूबर, 1817 को हुआ था। सर सैयद अहमद ने दुनिया भर में अपनी शिक्षा के लिए मशहूर मोहम्मडन-एंग्लो-ओरिएण्टल कॉलेज की स्थापना की थी जो बाद में अलीगढ़ मुस्लिम विश्विद्यालय बना। सर सैयद अहमद के जन्म-दिवस पर हर साल विश्विद्यालय सर सैयद डे मनाता है।

इस बार सर सैयद डे पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी चीफ़ गेस्ट रहे। एएमयू में पढ़े पूर्व छात्र भी इसे अपने अपने स्तर पर अपने शहरों में ये दिन मनाते हैं। इस विशेष दिन पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में अलिग़ डे पर बेहतरीन सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम में आम छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौक़ा भी मिलता है।

साल 1875 आधुनिक भारत के शैक्षिक और सामाजिक इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इस वर्ष मुसलमान एंग्लो ओरिएंटल की स्थापना हुई, जो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम से दुनिया भर में जानी जाती है। इस यूनिवर्सिटी की स्थापना 1857 के दौर के बाद भारतीय समाज की शिक्षा के क्षेत्र में पहली महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया मानी जाती है।

1920 में भारतीय विधान परिषद ने एमएओ को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया, क्योंकि इस समय तक एएमयू देश की एक प्रमुख यूनिवर्सिटी बन चुकी थी। वर्तमान में एएमयू में 88 डिपार्टमेंट्स, 5 इंस्टिट्यूट्‍स, 13 सेंटर के साथ एक बड़ा एजूकेशनल स्पेक्ट्रम है। 

देश की इस प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी के 70 हॉस्टल में लगभग 28000 स्टूडेंट्स रहते हैं। यहां लगभग 1400 टिचिंग स्टाफ है और 6000 के करीब नॉन टेक्निकल स्टाफ इस समय यूनिवर्सिटी में कार्यरत है। औसतन हर साल लगभग 500 फॉरेन स्टूडेंट्स एएमयू में एडमिशन लेते हैं। यूनिवर्सिटी कुल 467.6 हेक्टेयर के लैंड में फैली हुई है।