दलित आरक्षण से संबंधित योगी आदित्यनाथ के बयान पर AMU ने दिया यह जवाब

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया में दलित आरक्षण न मिलने को लेकर दिए गए बयान ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। हालांकि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि एएमयू एडमिशन नीति का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वह हमें स्वीकार्य है। वहीं छात्रसंघ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी ने इसे भाजपा की राजनीतिक साजिश बताया है।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दलितों को लेकर एएमयू और जामिया में आरक्षण नीति न होने पर बयान देकर एक पुरानी समस्या को फिर से हवा दे दी दी है। उन्होंने ने कहा कि जिस तरह बी एच यू में दलितों को आरक्षण उपलब्ध है, साथ ही साथ एएमयू और जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे संस्थानों में भी मिलना चाहिए।

याद रहे कि 2006 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की प्रवेश नीति को चुनौती दी गई थी और उच्च न्यायालय ने इसे अल्पसंख्यक संस्थान के रूप में स्वीकार करने से इंकार कर दिया था। तब से यह मामला सुप्रीमकोर्ट में लंबित है।

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रोफेसर शाफे किदवई ने स्पष्ट रूप से कहा कि मामला सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा है, इस पर किसी तरह की टिप्पणी उचित नहीं है और जो भी निर्णय होगा हमें स्वीकार्य होगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में एएमयू में जो एडमिशन नीति है, इसमें धर्म और जाति के आधार पर कोई आरक्षण नहीं है, बल्कि इंटरनल और एक्स्ट्रनल कोटा है, जिसके तहत एडमिशन दिए जा रहे हैं।