केरल AMU कैंपस में उत्तर भारतीय छात्रों के साथ भेदभाव, चार दिन से हड़ताल, चीफ प्रॉक्टर पर लगाये आरोप

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के केरल कैंपस में छात्रों और यूनिवर्सिटी की स्थानीय प्रशासन के बीच के इन​ दिनों कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने साल 2010 में केरल के मलप्पुरम् में कैपस ​की शुरुआत की ​थी, लेकिन उत्तर भारतीय छात्रों का आरोप है कि उनके साथ कैंपस में भेदभाव किया जा रहा है और स्थानीय छात्रों के साथ चीफ प्राक्टर की ज़्यादा सहानुभूति है तथा उनके साथ पक्षपात कर रहे हैं। अब उत्तर भारतीय छात्रों ने कैंपस प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और छात्र अब चार दिन से हड़ताल पर है। छात्रों का आरोप है कि चीफ प्राक्टर स्थानीय छात्रों के साथ ज़्यादा ही सहानुभूति दिखा रहे है।

मलप्पुरम् कैंपस में उत्तर भारतीय छात्रों का आरोप

उत्तर भारतीय छात्रों का आरोप है कि छोटी से छोटी घटना के लिए उनके के साथ अनुचित व्यवहार किया जा रहा है यहां तक अगर उत्तर भारतीय छात्रों और स्थानीय छात्रों के बीच नोकझोंक भी होती है तो उत्तर भारतीय छात्रों को ये कहा जाता है कि, “ये अलीगढ़ और यूपी नहीं, बल्कि केरला है।” उत्तर भारतीय छात्रों का आरोप है कैंपस प्रशासन, केरल के छात्रों का पक्ष ले रहा है, जिससे उनके साथ मनमानी की घटनाएं बढ़ गई हैं।

चीफ प्रॉक्टर पर पक्षपात का आरोप
द लीडर्स न्यूज  के मुताबिक  एक उत्तर भारतीय छात्र ने बताया कि, उदाहरण के तौर अगर हमारे कमरे के पास एक सिगरेट का टुकड़ा या उसका फिल्टर भी बरामद हो जाता है तो बिना जांच मनमाने तरीके से आर्थिक जुर्माना लगाया जाता है, लेकिन अगर केरलाई छात्र या गैर उत्तर भारतीय छात्रों के कमरे से हथियार भी मिल जाए तो मामले को दबा दिया जाता है और कोई कार्रवाई नहीं की जाती।

 

केरलाई छात्र के कमरे से अवैध हथियार बरामद, लेकिन कार्रवाई कुछ भी नहीं

द ली​डर्स ​न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक, बीते 24 अक्टूबर को उत्तर भारतीय छात्रों की सूचना पर ​चीफ प्राक्टर की तरफ से दक्षिण भारतीय छात्रों के कमरे की जांच की गई तो कमरे से चालू, लोहे की रॉड जैसे अवैध सामग्री बरामद की गई।
एक छात्र ने नाम ज़ाहिर न करने की शर्त पर बताया कि कुछ दिन पहले एमबीए के छात्रों ने केरलाई छात्रो के शोरगुल करने पर आपत्ति जताई और कहा कि “आप शोर मत करो हमारा इग्ज़ाम है और हम इग्ज़ाम की तैयारी कर रहे है” लेकिन केरल के छात्रों ने बात नहीं मानी और तीन उत्तर भारतीय छात्रों के साथ हाथपाई की। जब तीन छात्रों में से एक छात्र कैंपस से बाहर कुछ ज़रुरत की चीज़ें खरीदने के लेने के लिए गया तो छात्र के बाहर जाने की सूचना कुछ बदमाशों मिल गई, जिसके बाद बाहर गए छात्र अब्दुल मतीन पर 15 अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया और उसकी पिटाई कर दी। जब इसकी जानकारी कैंपस के छात्रों को हुई तब छात्रों ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई है। हालांकि इस मामले में चीफ प्राक्टर ने दोनों पक्षों पर कार्रवाई किया। उत्तर भारतीय छात्रों का आरोप है कि दोनों पक्षों के कुछ छात्रों को सस्पेड कर दिया गया और छह माह के लिए हास्टल छोड़ने आदेश दिए जाने दिया गया है। छात्रों का आरोप है कि दक्षिण भारत के छात्र खास तौर पर केरल के छात्र उनके साथ आए दिन मारपीट करते रहते है जिससे केरल के मलप्पुरम कैंपस में रहना, उनके लिए बेहद मुश्किल हो गया है।

 

 

 

 

उत्तर भारतीय छात्र अपनी मांग को लेकर धरने पर

उत्तर भारतीय छात्रों ने अब एकजुट होकर चीफ प्राक्टर और उनकी मनमानी के खिलाफ
मोर्चा खोल दिया है। उत्तर भारत के लगभग साढ़े तीन सौ छात्र, यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ चार दिन से धरने पर बैठे हैं। जानकारी के मुताबिक, उत्तर भारतीय छात्रों में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के छात्र मलप्पुरम में अध्ययन कर रहे हैं।
छात्रों की मांग
उत्तर भारतीय छात्र तीन मांगों को लेकर धरने पर बैठे है उनकी पहली मांग है कि चीफ प्रॉक्टर को फौरन हटाया जाए, चूंकि छात्रों को कैंपस में रोज़मर्रा की ज़रुरत की चीज़े नहीं होती लिहाजा जब छात्र कैंपस से बाहर जाए तो उनकी सौ फीसदी हिफाज़त की गारंटी मिलनी चाहिए और तीसरी मांग है कि उन 15 लोगों की गिरफ्तारी हो जिन्होंने उत्तर भारतीय छात्र अब्दुल मतीन पर हमला किया।
अब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों को क्षेत्रीय भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है छात्र फिलहाल अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे है, लेकिन अभी यूनिव​​र्सिटी इस मामले के निपटारे के लिए क्या प्रयास कर रहा है इसकी जानकारी नहीं मिली है।

रिपोर्ट- शम्स तबरेज़