अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति तारीक मंसूर जिन्नाव विवाद पर कहा है कि यहां जिन्ना की तसवीर 1938 से लगी हुई है। यही नहीं जिन्ना की तसवीर कई अन्य जगहों मसलन बंबई हाईकोर्ट और साबरमती आश्रम में भी लगी हुई है।
अभी तक तो इन तसवीरों को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ था और ना ही कोई इसे लेकर परेशान था, मुझे लगता है कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि छात्रों के प्रदर्शन का जिन्ना की तसवीर विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। वे तो उन लोगों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, जिन्होंने दो मई को यहां आकर विश्वविद्यालय परिसर की शांति भंग करनी चाही।
चीफ सेक्रेटरी से इस संबंध में न्यायिक जांच की मांग की गयी है। एएमयू के वीसी ने यह बयान उन विवादों पर दिया, जिसके कारण पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को यहां का दौरा रद्द करना पड़ा।