कोलकाता की रहने वालीं अनआरा खातून उन बच्चों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं है जिनका साथ हालात और तकदीर ने छोड़ दिया है। अनआरा खातून अब तक 50 बाल विवाह को रुकवा चुकी हैं। बच्चों की तस्करी की 135 कोशिशों को नाकाम किया है और 180 बच्चों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाकर उनके परिजनों से मिलवाया है।
इसके अलावा 400 बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया है। 21 साल की उम्र में ही इतने कार्य अनआरा खातून ने कर दिखाए हैं।
अनआरा की मेहनत, लगन और दृढ़ निश्चय की राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक तारीफ कर चुके हैं। इस साल आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर अनआरा को राष्ट्रपति भवन में ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उन्हें पुरस्कृत कर चुकी हैं। विदेशों में भी उनके काम को सराहा गया है।
यही नहीं बाल अधिकारों से जुड़े मसलों पर अपनी बात रखने के लिए दो बार न्यूयॉर्क में आयोजित हुई युनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली सम्मलेन में आमंत्रित किया जा चुका है। इससे पहले अनआरा 2014 में ब्रूसेल्स में बाल अधिकारों पर हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।