बाबरी विध्वंस में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के ऊपर आपराधिक मामला चलाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राष्ट्रपति चुनाव की सियासत तेज हो गई है।
इससे पहले भाजपा के तरफ से आडवाणी और जोशी प्रबल दावेदार माने जा रहे थे लेकिन फैसला आने के बाद वे इस दौड़ से बाहर हो गए हैं।
विपक्ष की तरफ से भी संयुक्त उम्मीदवार उतारने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इसी को लेकर मंगलवार को जदयू के नेता शरद यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की।
इस दौरान दोनों नेताओं के बीच राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सभी दलों को एकजुट करने पर चर्चा हुई। हालांकि शरद यादव ने इस मुलाकात को महज शिष्टाचार बताया।
वहीं दूसरी तरफ जुलाई में होने वाले इस चुनाव में किसे राष्ट्रपति बनाया जाए, इसको लेकर भाजपा के सुब्रमण्यन स्वामी भी ने अपनी राय जाहिर की है। उन्होंने ट्विट कर कहा है कि गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना जाहिए।
स्वामी ने ट्वीट किया, ”राष्ट्रपति पद के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रत्याशियों में से गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल भी हैं। वह गुजराती हैं तो क्या हुआ? मैं भी एक गुजराती का ही दामाद हूं।”
One of the best candidate for President is fmr Gujarat CM Anandibehn Patel. So what if she is Gujarati? I too am Gujarat's son in law.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) April 25, 2017
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले शिवसेना ने संघ प्रमुख मोहन भागवत या फिर एनसीपी नेता शरद पवार को राष्ट्रपति बनाने की वकालत की थी।
माना जा रहा है कि मराठी कार्ड के आधार पर शिवसेना ने संघ प्रमुख का नाम लिया था। हालांकि मोहन भागवत ने इस तरह की किसी भी संभावना से इंकार किया था और कहा था कि वो राष्ट्रपति के दौड़ में शामिल नहीं हैं।